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ओपीडी बंद-सर्जरी ठप, पीजीआइ में तीन दिन से इलाज के लिए भटक रहे मरीज

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पीजीआइ ने ओपीडी सेवाएं बंद कर दी है। ओपीडी सेवाओं के अलावा दूर-दराज से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए पीजीआइ में एडमिट नहीं किया जा रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 07:11 PM (IST)
ओपीडी बंद-सर्जरी ठप, पीजीआइ में तीन दिन से इलाज के लिए भटक रहे मरीज
ओपीडी बंद-सर्जरी ठप, पीजीआइ में तीन दिन से इलाज के लिए भटक रहे मरीज

विशाल पाठक, चंडीगढ़

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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पीजीआइ ने ओपीडी सेवाएं बंद कर दी है। ओपीडी सेवाओं के अलावा दूर-दराज से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए पीजीआइ में एडमिट नहीं किया जा रहा। डॉक्टर मरीजों को देखने के लिए समय नहीं निकाल रहे हैं। डॉक्टरों से कोई रिस्पांस न मिल पाने के कारण मरीज पीजीआइ में पिछले तीन दिन से इलाज के लिए भटक रहे हैं। 12 अप्रैल सोमवार से पीजीआइ में ओपीडी बंद कर दी गई थी। जो मरीज सोमवार को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और यूपी से इलाज के लिए पीजीआइ आए हैं। वे पीजीआइ कैंपस में ही इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं। कई मरीज पीजीआइ की इमरजेंसी ब्लॉक के सामने, कोई न्यू ओपीडी ब्लॉक और कई मरीज पीजीआइ के एडवांस कार्डियक सेंटर के बाहर इलाज का इंतजार कर रहे हैं। केस -1 -

लुधियाना से आए कैंसर के मरीज को लगाने पड़े चक्कर

लुधियाना निवासी 54 वर्षीय अवधेष कुमार बुधवार सुबह 7 बजे पीजीआइ पहुंचे। पीजीआइ पहुंचे तो उन्हें पता चला कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते पीजीआइ की ओपीडी और तमाम सेवाएं ठप पड़ गई हैं। ऐसे में अवधेष कुमार को पीजीआइ में सुबह 7 बजे से दोपहर एक बजे तक इलाज के लिए भटकना पड़ा। तब जाकर उन्हें किसी ने टेलीमेडिसिन सेवा के बारे में बताया। टेलीमेडिसिन नंबर पर संपर्क करने के बावजूद पीजीआइ के डॉक्टरों की ओर से उनको संपर्क नहीं किया गया। अवधेष ने कहा उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नही है। ऐसे में वे रोज लुधियाना से इलाज के लिए चंडीगढ़ नही आ सकते। उन्होंने कहा कि जब तक पीजीआइ में वे अपना इलाज नहीं करा लेते। तब तक वे पीजीआइ के न्यू ओपीडी ब्लॉक के सामने बनी मल्टी लेवल पार्किंग में ही डॉक्टर के जवाब का इंतजार करेंगे। केस -2

पूजा को पीजीआइ आए तीन दिन हो गए, नहीं मिला कोई डॉक्टर

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की 20 वर्षीय पूजा बीते सोमवार से पीजीआइ में इलाज के लिए धक्के खा रही है। वो अपने भाई-बहन के साथ इलाज के लिए पीजीआइ आई है। पूजा ने बताया कि उसे न्यूरोसर्जन के पास खुदको दिखाना है। उसके दिमाग में कोई मर्ज है। लेकिन बीते तीन दिन से पीजीआइ में किसी भी डॉक्टर ने अब तक पूजा को नहीं देखा। पूजा ने हाथ जोड़कर पीजीआइ प्रशासन से गुजारिश की उन्हें न्यूरो के किसी डॉक्टर से समय दिला दें ताकि वे खुदको दिखा सकें। युवती के भाई ने बताया कि उन्होंने टेलीमेडिसिन और टेलीकंसल्टेशन हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया था। संपर्क करने पर डॉक्टर ने उनकी समस्या तो पूछ ली। लेकिन अब तक दोबारा किसी डॉक्टर का इलाज के लिए कॉल नहीं आया। पूजा भी अपने भाई-बहन के साथ पीजीआइ के न्यू ओपीडी ब्लॉक के सामने मल्टी लेवल पार्किंग में बीते सोमवार से इलाज के लिए इंतजार कर रही है। केस-3

पैर की हड्डी में पड़ रही पस, डॉक्टर ने बुलाया, लेकिन नहीं की सर्जरी

पंजाब के फगवाड़ा निवासी 68 वर्षीय सुरिदर पाल ने बताया कि बुधवार को उनके पैर में हड्डियों में पड़ रही पस की सर्जरी होनी थी। सुरिदर सुबह 7 बजे से अपनी सर्जरी के इंतजार में थे। दोपहर के दो बज चुके थे। लेकिन पीजीआइ के डॉक्टरों की ओर से उन्हें सर्जरी किए जाने को लेकर कोई जवाब नहीं मिला। सुरिदर ने कहा कि अगर समय पर सर्जरी नहीं होती है तो उनके एक पैर के हिस्से को काटना पड़ सकता है। क्योंकि उनके पैर में लगातार पस बढ़ती जा रही है। ऐसे में सुरिदर भी अपनी सर्जरी के लिए पीजीआइ में दर-दर भटक रहे हैं। पीजीआइ प्रशासन की ओर से लगातार दो से दिन तक दूर दराज से आने वाले मरीजों को पीजीआइ में ओपीडी बंद होने को लेकर चेताया था। लेकिन इसके बावजूद कई मरीज पीजीआइ पहुंच गए। हम प्रयास करेंगे कि जिन मरीजों को डॉक्टरों द्वारा फोलोअप के लिए बुलाया गया है। उनका इलाज किया जाए। नए मरीजों के लिए फिलहाल ओपीडी की सेवाएं बंद रहेगी। टेलीमेडिसिन और टेलीकंसल्टेशन सर्विस का दायरा बढ़ाए जाने को लेकर विचार किया जा रहा है।

- प्रो. जगतराम, निदेशक, पीजीआइ


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