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एक बार फिर से वेंडर्स का मामला गरमाया, कमिश्नर ने कहा- पार्षद पहले क्यों चुप रहे Chandigarh News

कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन और चुनाव पर ही सवाल खड़ा कर दिया। इस पर कमिश्नर ने नाराजगी भी जाहिर की।

By Edited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 04:02 PM (IST)
एक बार फिर से वेंडर्स का मामला गरमाया, कमिश्नर ने कहा- पार्षद पहले क्यों चुप रहे Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। बाजारों से वेंडर्स हटने का दर्द अभी भी पार्षदों में छलक रहा है। सोमवार को नगर निगम की सदन की बैठक में एक बार फिर से वेंडर्स का मामला पार्षदों ने ढाई घंटे तक गरमाया। पार्षदों ने कहा कि वेंडिंग जोन में वेंडर्स का काम नहीं चल रहा है। उनकी रोजी-रोटी का हवाला देकर बाजारों में ही नए स्थल तलाश करने की मांग की। कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन और चुनाव पर ही सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि इस कमेटी में जो वेंडर्स शामिल किए गए हैं, उन्हें पता भी नहीं है कि कमेटी में क्या-क्या फैसले हो गए। इस पर कमिश्नर ने नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कहना चाहिए। कमेटी में उनके रिश्तेदार शामिल नहीं हैं।

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तीन सदस्यों को जानकारी नहीं होती

बबला ने कहा कि सदन में भी दो से तीन सदस्य ऐसे हैं जिन्हें सदन द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी बाद में नहीं होती। कमिश्नर केके यादव ने यह भी कहा कि जब वेंडर एक्ट पास हो रहा था, उसके बायलॉज पास हुए, उस समय पार्षद क्यों चुप रहे। वे वेंडर्स के खिलाफ नहीं हैं, उनका काम कानून को लागू करवाना है। पार्षदों ने मांग उठाई की कि जिन 2200 वेंडर्स के लाइसेंस फीस जमा न होने के कारण खारिज कर दिए गए हैं, उन्हें एक बार और मौका दिया जाए। इस पर कमिश्नर ने कहा कि इसी सप्ताह टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक होने जा रही है। जिसमें फीस जमा करवाने का मौका देना है या नहीं, फैसला लिया जाएगा। कमिश्नर केके यादव ने यह भी कहा कि जितने भी मामले सदन में पार्षद उठा रहे हैं, वे सभी वेंडर्स ने हाई कोर्ट में चैलेंज किए हुए हैं। जिन वेंडर्स को कोर्ट में राहत नहीं मिल पाई है, वे पार्षदों द्वारा ये मुद्दे सदन में उठवा रहे हैं।

55 पब्लिक टॉयलेट्स पर होगा विज्ञापन, एमसी की कमाई बढ़ेगी

55 पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव भी सोमवार को पास किया गया। जबकि 190 पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव आया था लेकिन सदन ने दो हजार रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से पहले इन 55 पब्लिक टॉयलेट्स पर विज्ञापन की मंजूरी देने का निर्णय लिया है। ये पब्लिक टायलेट्स शहर के प्राइम लोकेशन में स्थित हैं। इससे नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये की कमाई होगी। 

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