होटल माउंट व्यू प्रियोरिटी लिस्ट से बाहर
सेक्टर-10 की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा याचिका दायर की गई थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : विदेश से आ रहे लोगों को 14 दिन के लिए सेक्टर-10 के माउंट व्यू होटल में क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने के खिलाफ सेक्टर-10 की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा याचिका दायर की गई थी। सोमवार को इस पर चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि आई मई को यह निर्णय लिया गया था लेकिन 13 मई को इस निर्णय को वापस ले लिया गया है। होटल माउंट व्यू को प्रियोरिटी लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन के सीनियर स्टैंडिग काउंसल पंकज जैन ने हाई कोर्ट को बताया कि 13 मई को जारी नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिग प्रोटोकॉल (एसओपी) में क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने के लिए शहर के चार निजी और दो सरकारी होटल्स (माउंट व्यू और शिवालिक व्यू) को शॉर्टलिस्ट किया गया है। यह निर्णय यहां रहने वालों की मर्जी पर छोड़ा गया है जो इन होटल्स का खर्च नहीं उठा सकते और सस्ती जगह चाहते हैं तो उनके लिए पंचायत भवन और पीयू के हॉस्टल्स में इंतजाम किया गया है। जितने लोग क्वारंटाइन थे, सभी की रिपोर्ट नेगेटिव
यह भी बताया गया कि जिन लोगों को माउन्ट व्यू में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया था, उन सभी की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने प्रशासन की इस जानकारी के बाद कहा कि अब जब प्रशासन ने नई एसओपी जारी कर दी है तो इस मामले में अब हाई कोर्ट के दखल की जरूरत नहीं। लिहाजा इसी आधार पर हाई कोर्ट ने इस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया है। यहां के लोगों ने की थी जनहित याचिका दायर
बता दें कि सेक्टर-10 की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया था कि विदेशों से आने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन करने के लिए प्रशासन ने आठ मई को निर्णय लेते हुए सेक्टर-10 माउन्ट व्यू होटल को प्रियोरिटी लिस्ट में डाल दिया था। एसोसिएशन के अनुसार माउन्ट व्यू होटल रिहायशी एरिया में है और अगर विदेशों से आने वालों को क्वारंटाइन करने के लिए यहां रखा गया तो इससे यहां पास के लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा। क्योंकि होटल का स्टाफ और अन्य लोग किसी के भी संपर्क में आ सकते हैं। शहर में अन्य कई होटल हैं जो रिहायशी इलाकों में नहीं हैं। वहां क्वारंटाइन सेंटर बनाया ज सकता है। इसी के खिलाफ यहां के निवासियों ने जनहित याचिका दायर की थी।