पंजाब में टीवी मनोरंजन हुआ सस्ता, डीटीएच उपभोक्ताओं को हर माह 50 रुपये कम लगेगा
पंजाब में केबल और डीटीएच टीवी मनोरंजन सस्ता हाे जाएगा। पंजाब सरकार ने नई केबल नीति काे मंजूरी दे दी है। अब केबल ऑपरेटर टैक्स के नाम पर मनमाना शुल्क नहीं वसूल पाएंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नई केबल पॉलिसी को मंजूरी के बाद डीटीएच उपभोक्ताओं को प्रति माह 50 रुपये लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य में केबल माफिया के खिलाफ स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई आखिरकार छह माह बाद रंग लाई है। पंजाब मंत्रिमंडल के इस निर्णय से राज्य में केबल कारोबार पर काफी असर पड़ने की संभावना है। इससे सरकार काे भी अच्छा राजस्व मिलेगा।
नई केबल पॉलिसी को मंजूरी से साफ हुआ रास्ता, ऑपरेटरों को प्रति कनेक्शन देना होगा 2 से 5 रुपये टैक्स
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई केबल पॉलिसी को मंजूरी दी गइ्र। इसके लिए काफी दिनों से स्थानीय निकाय मंत्रभ् नवजोत सिंह सिद्धू मुहिम चलाए हुए थे। कैबिनेट ने डीटीएच व केबल ऑपरेटरों पर प्रति माह प्रति कनेक्शन दाे से पांच रुपये टैक्स लगाने का फैसला किया। इस निर्णय से उपभोक्ताआें को लाभ हाने की संभावना है।
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बताया जाता है कि नई पॉलिसी के तहत डीटीएच उपभोक्ताओं को प्रतिमाह करीब 50 रुपये कम देने होंगे। पहले डीटीएच ऑपरेटर उपभोक्ताओं से 60 रुपये प्रति कनेक्शन तक टैक्स वसूलते थे और सरकार को लमसम रकम देकर खुद मोटा लाभ कमाते थे, लेकिन अब सरकार ने टैक्स तय कर दिया है, तो ऑपरेटर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त 60 रुपये नहीं वसूल पाएंगे।
पहले उपभोक्ताओं से टैक्स के नाम पर वसूलते थे अतिरिक्त 60 रुपये
केबल टीवी कंपनी फास्ट वे पर शिकंजा, देना होगा सवा करोड़ टैक्स
पंजाब सरकार के फैसले से केबल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी फास्ट वे पर शिकंजा कसेगा। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अनुसार, फास्ट वे के पास करीब 25 लाख केबल कनेक्शन हैं। इस लिहाज से उसे अब प्रति कनेक्शन पांच रुपये टैक्स के हिसाब से प्रति वर्ष एक करोड़ 25 लाख रुपये देने होंगे।
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बताया जाता है कि अभी तक केबल ऑपरेटर सरकार को टैक्स देने में बड़े पैमाने पर चोरी करते थे। इसी के आधार पर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया था। उन्होंने दावा किया था कि फास्ट वे के वास्तविक कनेक्शनों की संख्या 40 लाख से ज्यादा है। मल्टीप्लेक्सों व मनोरंजन पार्कों को जीएसटी के चलते टैक्स से बाहर रखा गया है।