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Punjab Congress की खींचतान में नया माेड़, बागी मंत्री तृप्त बाजवा और रंधावा अब सीएम कैप्‍टन अम‍रिंदर से चाहते हैं मिलना

Punjab Congress पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच दो बागी मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा अब मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करना चाहते हैं। दोनों मंत्रियों ने कैप्‍टन से मिलने के लिए समय मांगा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 06:03 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 08:27 AM (IST)
Punjab Congress की खींचतान में नया माेड़, बागी मंत्री तृप्त बाजवा और रंधावा अब सीएम कैप्‍टन अम‍रिंदर से चाहते हैं मिलना
पंजाब सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच नए हलचल है। पंजाब के दो बागी मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा अब मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से मिलना चाहते हैं। मुख्यमंत्री पर अविश्वास जताने वाले दो बागी मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मिलने के लिए समय मांगा है। उन्‍होंने इस संबंध में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा है।

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तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीएम को पत्र लिखकर मिलने के लिए समय मांगा

दोनों नेताओं की ओर से कैप्टन को लिखे पत्र ने राजनीतिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है। हालांकि, पत्र में ऐतिहासिक नगर बटाला को जिला बनाने के साथ साथ अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए उनसे समय की मांग की गई है। काबिले गौर है कि किसी समय ये दोनों मंत्री मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद मंत्रियों में से थे लेकिन कोटकपूरा गोलीकांड में हाई कोर्ट के एसआईटी के खिलाफ फैसले ने इन्हें कैप्टन से दूर कर दिया।

दोनों मंत्री आजकल नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे में दिखाई देते हैं। मुख्यमंत्री ने तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को तो मनाने की कोशिश भी की थी और 15 दिन पहले उन्हें लंच का न्यौता दिया था लेकिन बाजवा नहीं गए। अब जब नवजोत सिद्धू के बयान और उनके कदम से पार्टी को नुकसान पहुंचा रही हैं तो दोनों मंत्रियों का कैप्टन को पत्र , कांग्रेस की राजनीति में नई इबारत लिख सकता है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दोनों ने मांग की है कि बटाला जिले में ऐतिहासिक कस्बों फतेहगढ़ चूडिय़ां और श्री हरगोबिंदपुर या घुमाण को इस नए जि़ले की नई सब-डिवीजन्स बनाया जाए। मंत्रियों ने कहा है कि बटाला पंजाब का वह अहम शहर है जिससे हमारी समृद्ध ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक और साहित्यिक विरासत जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बठिंडा के बाद बटाला पंजाब का सबसे पुराना शहर है, जिसकी स्थापना 1465 में रखी गई थी। जनसंख्या के पक्ष से भी यह पंजाब का आठवां सबसे बड़ा शहर है, जहाँ पिछले साल नगर निगम भी बनाई गई है।

बटाला शहर के ऐतिहासिक विरासत संबंधी उन्होंने कहा, ‘ पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का विवाह इसी शहर में माता सुलक्खनी जी के साथ 8 जुलाई 1487 में हुआ था। उनकी याद में यहां गुरुद्वारा डेरा साहिब और गुरुद्वारा कंध साहिब सुशोभित हैं। छठे गुरू श्री गुरु हरगोबिंद जी अपने पुत्र बाबा गुरदित्ता जी का विवाह करने के लिए भी बटाला ही आए थे और उनकी याद में शहर के बीच गुरुद्वारा सत करतारिया सुशोभित है।’

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के राज के दौरान लाहौर और अमृतसर के बाद बटाला सिख राज का एक अहम शहर था। इस राज के समय की विरासती इमारतें आज भी मौजूद हैं, जिनमें महाराजा शेर सिंह का महल और जल महल (बारांदरी) विशेष हैं। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक काली द्वारा मंदिर और सती लक्ष्मी देवी समाधि के अलावा इस शहर के नज़दीक ही अचल साहिब का वह ऐतिहासिक स्थान है, जहां भगवान शिव जी के पुत्र देवता कार्तिक की याद में अचलेश्वर धाम सुशोभित है। अचल साहिब जी के स्थान पर ही श्री गुरु नानक देव जी ने सिद्धों के साथ बातचीत की थी।


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