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Kartarpur Corridor: अब जत्‍थे के नेतृत्‍व को लेकर सियासत, अकाली दल ने खेला बड़ा दांव

करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद वहां जानेवाले जत्‍थे के नेतृत्‍व को लेकर सियासत शुरू हो गई है। शिअद ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के अगुवाई को लेकर नया दांव खेल दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 09:01 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 08:55 PM (IST)
Kartarpur Corridor: अब जत्‍थे के नेतृत्‍व को लेकर सियासत, अकाली दल ने खेला बड़ा दांव
Kartarpur Corridor: अब जत्‍थे के नेतृत्‍व को लेकर सियासत, अकाली दल ने खेला बड़ा दांव

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। करतारपुर कॉरिडोर आगामी शनिवार को खुलने जा रहा है, लेकिन गुरुद्वारा साहिब में जाने वाले पहले जत्थे की अगुवाई को लेकर सियासत तेज  हो गई है। इसके लिए कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को रोकने के लिए शिरोमणि अकाली दल ने नया सियासी दांव चलने की काेशिश की है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह काफी पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि वह सर्वदलीय जत्थे को लीड करेंगे। दूसरी तरफ अकाली दल की कोशिश है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जत्थे में शामिल हों और कैप्टन जत्थे को लीड न करें। जाहिर सी बात है कि यदि उपराष्ट्रपति जत्थे में शामिल होते हैैं तो वे ही इसे लीड करेंगे।

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शिरोमणि अकाली दल ने बनाया उपराष्ट्रपति पर जत्थे में शामिल होने का दबाव

पहले जत्थे की रवानगी 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। वह डेरा बाबा नानक में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, लेकिन क्या वह उसी दिन सुल्तानपुर लोधी में शुरू होने वाले समारोहों का भी हिस्सा बनेंगे या नहीं, इसको लेकर अभी संशय बरकरार है। अभी तक राज्य सरकार को इसकी कोई सूचना नहीं मिली है।

कांग्रेस चाहती है कि कैप्टन अमरिंदर की अगुवाई में जाए जत्था

शिरोमणि अकाली दल किसी भी सूरत में करतारपुर कॉरिडोर पर कांग्रेस को किसी तरह का श्रेय नहीं लेने देने चाहता है। इसलिए उसका पूरा जोर इस बात पर लगा हुआ है कि वह इस जत्थे के साथ उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू को ले जाने के लिए मना ले। अगर ऐसा होता है तो निश्चित रूप से जत्थे की अगुवाई उपराष्ट्रपति करेंगे क्योंकि प्रोटोकॉल के तहत सीएम की अगुवाई में उपराष्ट्रपति नहीं जा सकते। उपराष्ट्रपति ने ही पिछले साल डेरा बाबा नानक में बनने वाली पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास किया था।

उपराष्ट्रपति शामिल हुए तो प्रोटोकाल के तहत वही करेंगे नेतृत्व

दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह सर्वदलीय जत्थे की अगुवाई के लिए उत्साहित हैैं। इस जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भी शामिल होना है। कैप्टन की अगुवाई में जाने को लेकर पार्टी के ही राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा पहले ही मना कर चुके हैं। नवजोत सिंह सिद्धू भी इस जत्थे के साथ जाने की बजाए पाकिस्तान सरकार के न्योते पर उसकी ओर से उद्घाटन समारोह में शामिल होना चाहते हैं। ये दोनों ही नेता कैप्टन के विरोधी माने जाते हैं।

राष्ट्रपति किस स्टेज पर जाएंगे, असमंजस बरकरार

सुल्तानपुर लोधी में 12 नवंबर को होने वाले मुख्य समारोह को लेकर भी राजनीति हो रही है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से शामिल होने की सूचना मिलने का पंजाब सरकार व एसजीपीसी दोनों दावा कर रहे हैैं। लेकिन राष्ट्रपति पंजाब सरकार की स्टेज पर जाएंगे या एसजीपीसी की, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है। पंजाब सरकार के पास भी इसकी कोई सूचना नहीं है।

करतारपुर कॉरिडोर में अड़चन डाल रहे कैप्टन : सुखबीर

दूसरी ओर, सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करतारपुर कॉरिडोर में अड़चन डाल रहे हैैं। कैप्टन आइएसआइ की धमकियों के हवाले से बिना बात के पंजाबियों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। इन धमकियों से केंद्र सरकार अच्छी तरह अवगत है तथा हमारे सुरक्षा बल किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। उल्लेखनीय है कि कैप्टन ने दो दिन पहले कहा था कि कॉरिडोर खोलना आइएसआइ की साजिश हो सकती है।

सुखबीर ने कहा कि कैप्टन अड़चन पैदा करने के मकसद से राजनीतिक बयान जारी करके श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व की पवित्रता भंग करने की कोशिश कर रहे हैैं जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैैं। दुख की बात है कि मुख्यमंत्री करतारपुर कॉरिडोर को लेकर सवाल उठाकर करोड़ों सिखों के विश्वास से खेल रहे हैं। मुख्यमंत्री बार-बार कॉरिडोर के बारे में अपने बयान बदल रहे हैं।

सुखबीर ने कहा कि पहले उन्होंने इसका विरोध किया था, फिर इसका स्वागत किया और कहा कि वह पाकिस्तान जाने वाले पहले जत्थे का नेतृत्व करेंगे। अब कॉरिडोर खोले जाने से ठीक पहले कुछ सवाल उठाए हैैं जिससे सिखों की भावनाओं को भारी ठेस पहुंची है। मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी भरा व्यवहार चाहिए। उनके बयान से सिखों में भ्रम तथा चिंता पैदा हो रही है।

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