बाजार से नहीं खरीद सकतीं सेनेटरी पैड तो घबराएं नहीं, अब घर में ही कपड़े से बनाएं पैड
पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा सुरभि ने रिसर्च वर्क के दौरान पैसों व पर्यावरण को बचाने के लिए बनाए कपड़े के पैड। चालीस रुपये के कपड़े में बनाए जा सकते है पांच पैड।
चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर। मासिक धर्म में महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है पर्सनल हाइजीन। यदि इस समय में महिलाएं साफ-सुधरी नहीं रहती तो वे कई प्रकार की बीमारियों का शिकार भी हो सकती है। पर्सनल हाइजीन को कायम रखने के लिए मार्केट में अनेक प्रकार के सेनेटरी पैड मौजूद है, लेकिन हर महिला उसे खरीदकर इस्तेमाल करने में समर्थ नहीं होती है। ऐसे में महिलाएं अब खुद भी पैड तैयार कर सकती है औररी पैड का पैकेट खरीदने में आती है। इसे इस्तेमाल करके फेंकने की बजाये दोबारा से प्रयोग में लाया जा सकता है। दोबारा इस्तेमाल यह पैड चार से छह महीनों तक इस्तेमाल भी कर सकती है। पांच पैड बनाने में उतनी ही लागत आती है, जितनी एक बार में सेनेटकरने के लिए इसे धोने के बाद धूप में सुखाना पड़ेगा।
ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटी विभाग की छात्रा ने किए तैयार
कपड़े के पैड को पंजाब यूनिवर्सिटी के ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटी विभाग में मास्टर कर रही छात्रा सुरभि ने चेयरपर्सन नमिता गुप्ता की देखरेख में तैयार किया है। सुरभि पंजाब यूनिवर्सिटी में चौथे सेमेस्टर की छात्रा है। जिसने अंतिम साल के दौरान महिलाअों के पर्सनल हाइजीन पर रिसर्च करने का निर्णय लिया था। सुरभि ने मोहाली के अलग-अलग गांवों में जाकर जब सर्वे किया तो सामने आया कि महिलाएं कीमत ज्यादा होने के कारण मार्केट से सेनेटरी पैड इस्तेमाल नहीं करती।
इसके अलावा उनका डिस्पोज ठीक से नहीं होता। उसे खुले में ही फेंक दिया जाता है जोकि कुत्तों या गाय के मुंह में आकर उन्हें भी बीमारी लगाता है व पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। जिसके बाद सुरभि ने कपड़े के सेनेटरी पैड बनाने का काम शुरू किया है और अब वह महिलाओं को भी सीखा रही है।
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