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सदन में काम कम और राजनीति ज्यादा रहेगी हावी

मेयर सरबजीत कौर की ओर से बुलाई गई बैठक का विपक्षी दलों के पार्षदों ने बहिष्कार करके साबित कर दिया है कि राजनीतिक बवाल आगे भी जारी रहेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 11:15 PM (IST)
सदन में काम कम और राजनीति ज्यादा रहेगी हावी
सदन में काम कम और राजनीति ज्यादा रहेगी हावी

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : मेयर सरबजीत कौर की ओर से बुलाई गई बैठक का विपक्षी दलों के पार्षदों ने बहिष्कार करके साबित कर दिया है कि राजनीतिक बवाल आगे भी जारी रहेगा। ऐसे में आने वाली सदन की बैठकों में शहर के विकास के काम प्रभावित होंगे और राजनीति हावी रहेगी। ऐसे में मेयर को सदन की बैठक चलाने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। अब भाजपा कोई भी प्रस्ताव बिना विपक्षी दल के पार्षदों के पास नहीं करवा पाएगी क्योंकि भाजपा के पास सदन में बहुमत नहीं है। 35 पार्षदों वाले नगर निगम की सदन की बैठक में हर प्रस्ताव पास करवाने के लिए 18 मत की जरूरत है और भाजपा के नगर निगम में 13 पार्षद हैं। ऐसे में भाजपा की वह स्थिति नहीं है जो कि पिछले पांच साल में थी। उस समय भाजपा हर प्रस्ताव अपने दम पर पास करवा लेती थी।

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मेयर सरबजीत कौर की बुधवार को बुलाई पहली बैठक में कांग्रेस और आप ने अपना विरोध जाहिर कर दिया। ऐसे में यह भी मैसेज देने का प्रयास किया गया है कि अब भाजपा अपनी मनमर्जी के प्रस्ताव और नीतियां पास नहीं करवा पाएगी। यह बात भाजपा के आला नेताओं को भी पता है कि आने वाली सदन की बैठक में जमकर हंगामा होगा और सरबजीत कौर के पास राजनीतिक अनुभव की भी कमी है, क्योंकि वह पहली बार ही पार्षद चुनकर नगर निगम आई हैं। ऐसे में भाजपा चाहती है कि जल्द से जल्द प्रशासन की ओर से नौ मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति कर दी जाए ताकि उनमें पांच से ज्यादा नेता उनके ही मनोनीत पार्षद बन जाएं। इससे सदन के अंदर भाजपा पार्षदों को सपोर्ट मिल जाए, जबकि मनोनीत पार्षदों के पास वोटिग का अधिकार नहीं है।

आने वाली सदन की बैठक में यह भी देखा जा सकता है कि किसी प्रस्ताव का विरोध आप और कांग्रेस के पार्षद एक साथ करें और यह भी हो सकता है कि यह दोनों विपक्षी दल अपनी मर्जी के प्रस्ताव इकट्ठे होकर पास करवा लें। भाजपा के इस समय जो 13 पार्षद हैं उनमें भी आठ ऐसे हैं जो पहली बार पार्षद का चुनाव जीतकर आए हैं। मेयर चुनाव के दिन ही आप के पार्षदों ने हंगामा करके भाजपा को पहला ट्रेलर दिखा दिया था। भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस, आप का अकाली दल भी साथ दे सकता है। भाजपा को उनके एजेंडे थोपने नहीं दिया जाएंगे और न ही मनमर्जी करने दी जाएगी। शहर के विकास के लिए मेयर को सभी दलों के पार्षदों के साथ बैठकर पहले एक प्रोग्राम बनाना चाहिए। भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह बहुमत में नहीं है वह अल्पमत में है। अब वह होगा जो शहरवासी चाहते हैं। हर सदन की बैठक में भाजपा की मेयर को जवाब देना होगा।

- सुभाष चावला, चंडीगढ़ अध्यक्ष, कांग्रेस


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