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अब सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज-विश्‍वविद्यालयों में होंगे समान फीस, ज्‍यादा लिया तो Action

पंजाब में अब सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजाें-विश्‍वविद्यालयों में समान फीस होगी। यदि किसी कॉलेज या विश्‍वविद्यालय ने अधिक फीस ली तो कड़ी कार्रवाई होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 03:55 PM (IST)
अब सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज-विश्‍वविद्यालयों में होंगे समान फीस, ज्‍यादा लिया तो Action
अब सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज-विश्‍वविद्यालयों में होंगे समान फीस, ज्‍यादा लिया तो Action

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अब समान फीस होगी। पंजाब सरकार ने इसके लिए फीस भी तय कर दी है। किसी कॉलेज या विश्‍वविद्यालय ने अब तय फीस से ज्‍यादा की वसूली की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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इस संबंध में मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग ने अधिसूचना में आंशिक संशोधन किया है। विभाग के मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने बताया कि निजी मेडिकल कॉलेज व विश्वविद्यालय 2015 में लागू की गई फीस से बहुत ज्यादा फीस ले रहे थे। उन्‍होंने कहा कि आदेश यूनिवर्सिटी में एमडी करने वाले विद्याथ्रियों सेतय 6.50 लाख रुपये सालाना फीस की बजाय 16.50 लाख रुपये लिए जा रही थी। इससे विद्यार्थियों व उनके परिवार पर बहुत ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ता था। अपेक्षित कार्रवाई अमल में लाने के बाद फीस में समानता लाने के लिए संशोधन पत्र जारी किया गया है।

मंत्री ने कहा कि अब लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज लुधियाना, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और क्रिश्चियन डेंटल कॉलेज लुधियाना, अमृतसर के श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, देश भगत यूनिवर्सिटी और बठिंडा के आदेश यूनिवर्सिटी में अब एमडी व एमएस (क्लिनिकल) कोर्सों के लिए फीस 6.50 लाख सालाना होगी। एनआरआइ कोटे की सीट के लिए इस पूरे कोर्स की फीस एक लाख 25 हजार अमेरिकी डॉलर है।

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प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की लूट में मंत्री के खिलाफ हो जांच: आप

उधर आप आदमी पार्टी ने पंजाब में सरकारी और गैर-सरकारी मेडिकल कॉलेजों, विश्वविद्यालयों की ओर से नियम-कानून की धज्जियां उड़ा कर मनमानी फीस वसूलने पर चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री के खिलाफ जांच की मांग है। नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने मेडिकल एजुकेशन माफिया के समक्ष घुटने टेक दिए हैं।

चीमा ने पूछा कि क्या मंत्री और मुख्यमंत्री बताएंगे कि एमडी व एमएस में दाखिले के लिए पिछले दिनों हुई पहले दौर की काउंसलिंग में हजारों योग्य मेडिकल विद्यार्थीं क्यों हिस्सा नहीं ले सके? क्योंकि उनमें नाजायज व गैर-कानूनी फीस लुटाने की गुंजाइश नहीं है। चीमा ने कहा कि मौजूदा लुटेरा फीस प्रणाली में एक विशेषज्ञ डॉक्टर बनने के लिए कम से कम नौ साल की पढ़ाई और दो करोड़ रुपये की फीस चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि आम आदमी के होनहार बच्‍चे तो दूर यह फीस अच्‍छे खासे परिवार की गुंजाइश से बाहर है। पंजाब प्राइवेट हेल्थ साइंसेज इंस्टीट्यूशन (रेगुलेशन ऑफ एडमिशन, फिक्शेसन ऑफ फी एंड मेकिंग रिजर्वेशन) एक्ट 2006 में सभी मेडिकल संस्थाओं की फीस निर्धारित की जाए। जिस कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों में 1.25 लाख रुपये और प्राइवेट कॉलेजों में 6.50 लाख रुपये निर्धारित की है तो बठिंडा का आदेश मेडिकल कॉलेज 14 लाख रुपये सालाना और गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज अमृतसर 9.50 लाख रुपये किस तरह ले सकते हैं?


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