फॉरेस्ट एरिया में पॉल्यूशन फैलाने पर जेपी गारबेज प्लांट को नोटिस
पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-25 स्थित जेपी गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट को पॉल्यूशन फैलाने पर चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। प्लांट को यह नोटिस फॉरेस्ट एरिया में पॉल्यूशन फैलाने के लिए दिया गया है। नोटिस में आगाह किया गया है कि उनके फैलाए कचरे से जंगली जानवरों की जान जा सकती है। पानी जहरीला हो रहा है। पर्यावरण को हानि हो रही है। दरअसल कुछ दिन पहले जेपी गारबेज प्लांट की दीवार गिर गई थी। जिससे कचरा बाहर तक फैल गया था। गारबेज से रिस रहा दूषित पानी काफी एरिया में फैल गया था। फॉरेस्ट एरिया पटियाला की राव को भी यह नुकसान पहुंचा रहा है। किसी भी वाटर बॉडी में दूषित पानी नहीं छोड़ा जा सकता। एक माह में दूसरा नोटिस
जेपी गारबेज प्लांट को एक महीने में यह दूसरा नोटिस जारी किया गया है। सितंबर में ही प्लांट को एयर पॉल्यूशन के लिए पेनल्टी नोटिस जारी किया गया था। तीन सितंबर को प्लांट पर हवा में टॉक्सिक डायोक्सिन फैलाने पर 1.46 करोड़ रुपये की एनवारयर्नमेंटल पेनल्टी लगाई गई थी। प्लांट को कई बार शोकॉज नोटिस के बाद यह पेनल्टी लगाई गई। नोटिस के बाद भी कोई काम नहीं करने पर यह पेनल्टी लगाई गई थी। यह पेनल्टी 20 फरवरी से 2 सितंबर 2019 तक प्रत्येक दिन की 75 हजार रुपये के हिसाब से लगाई गई थी। पेनल्टी जब तक जमा नहीं होती और डायोक्सिन परमिशेबल लिमिट में नहीं आ जाती तब तक प्रत्येक दिन के हिसाब से यह पेनल्टी गिनी जाएगी। डंपिग ग्राउंड में मिला बायोमेडिकल वेस्ट
सीपीसीसी के अधिकारियों ने जब जेपी गारबेज प्रोसेसिग प्लांट का दौरा किया था तो वहां बड़ी मात्रा में बायोमेडिकल वेस्ट भी मिला था। जिसमें इस्तेमाल की गई सीरींज से लेकर अन्य वेस्ट बिखरा पड़ा था। बायोमेडिकल वेस्ट एक बम की तरह है जो फॉरेस्ट एरिया में वाइल्ड लाइफ को बड़ी क्षति पहुंचा सकता है। इससे महामारी फैलकर लोगों तक बीमारी पहुंच सकती है। शहर से रोजाना 500 टन बेस्ट निकलता है। जेपी प्लांट इसमें से आधा भी प्रोसेस नहीं कर पाता। बाकी वेस्ट डंपिग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है।