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तीन महीनों में पेट्रोल व डीजल पर टैक्स में भारी वृद्धि पर केंद्र व पंजाब सरकार को नोटिस

पंजाब एवं हरियाणा हाई काेर्ट ने पेट्राेल और डीजल पर टैक्‍स में भारी वृद्धि करने के लिए केंद्र व राज्‍य सरकार को नोटिस जारी किया है। पेट्रोल पर टैक्‍स 200 और डीजल पर 170 फीसद है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 08:25 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 08:25 AM (IST)
तीन महीनों में पेट्रोल व डीजल पर टैक्स में भारी वृद्धि पर केंद्र व पंजाब सरकार को नोटिस

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को पेेट्रोल- डीजल की कमीत में वृद्धि व भारी टैक्‍स लगाए जाने पर नोटिस जारी किया है। पेट्रोल पर 200 प्रतिशत और डीजल पर 170 प्रतिशत टैक्स वसूले जाने के खिलाफ पंजाब की ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र व पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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पेट्रोल पर 200 और डीजल पर 170 प्रतिशत टैक्स वसूले जाने के खिलाफ ट्रांसपोर्ट कंपनियां अदालत पहुंचीं

अमृतसर की न्यू प्रिंस कैरीइंग कॉरपोरेशन और अन्य ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पिछले तीन महीनों में चार बार पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। ऐसा कर केंद्र ने क्रूड ऑयल के दामों में आई कमी का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचने दिया।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने मार्च, 2020 के बाद से अब तक पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये की विशेष अतिरिक्त एक्साइज डयूटी लगा दी है। याचिका में पंजाब सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर वैट को बढ़ा कर 24.79 रुपये और डीजल पर 15.94 रुपये किए जाने का भी विरोध किया गया है।

याचिकाकर्ता के वकील पीयूष कांत जैन ने अदालत को बताया कि अप्रैल, 2020 में क्रूड ऑयल का औसत मासिक दाम 19.90 डॉलर प्रति बैरल और मई में 30.60 डॉलर प्रति बैरल था। उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में भारी गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दामों में आई कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल पर इतना भारी टैक्स वसूला जाना अवैध और असंवैधानिक होने के अलावा निष्पक्ष व्यापार की भावना के भी विपरीत है। टैक्‍स में इस वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए और कच्‍चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ आम लोगों को दिया जाना चाहिए।


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