सेक्टर-26 के डिस्कोथेक, नाइट क्लब पर एस्टेट ऑफिस ही नहीं फायर विभाग भी मेहरबान Chandigarh News
सेक्टर-26 मध्यमार्ग पर 50 से ज्यादा नाइट क्लब बीयर बार रेस्टोरेंट और डिस्कोथेक खुले हैं। इनमें अधिकतर नाइट क्लब में बिल्डिंग वॉयलेशन हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-26 मध्यमार्ग पर खुले सभी डिस्कोथेक, नाइट क्लब और रेस्टोरेंट्सपर सिर्फ एस्टेट ऑफिस हीं नहीं, बल्कि नगर निगम का फायर विभाग भी मेहरबान है। यहां 50 से ज्यादा नाइट क्लब, बीयर बार, रेस्टोरेंट और डिस्कोथेक खुले हैं। इनमें अधिकतर नाइट क्लब में बिल्डिंग वॉयलेशन हैं। बावजूद इसके नगर निगम के फायर विभाग की ओर से बिल्डिंग वॉयलेशन को नजरअंदाज कर कई रसूखदारों को फायर एनओसी जारी कर दिए गए। दरअसल इन रसूखदारों के आगे प्रशासन और नगर निगम के अफसरों की एक नहीं चल रही है। सवाल है कि बिल्डिंग वॉयलेशन के बावजूद इन डिस्कोथेक और नाइट क्लब को भला कैसे फायर विभाग एनओसी दे रहा है। जबकि सेक्टर-26 मध्यमार्ग के बैकसाइड या फ्रंट पर खुले डिस्कोथेक व नाइट क्लब में कई संचालकों को बिल्डिंग वॉयलेशन को नोटिस तक जारी हुए हैं।
सेक्टर-26 में खुले 50 से ज्यादा भवन
मालिकों के पास भी नहीं है फायर एनओसी नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर-26 मध्यमार्ग पर बैकसाइड या फ्रंट पर खुले 50 से ज्यादा डिस्कोथेक, नाइट क्लब, रेस्टोरेंट्स और बीयर बार संचालकों के पास फायर एनओसी नहीं है। बावजूद इसके इनमें से कई डिस्कोथेक व नाइट क्लब संचालकों को बिल्डिंग वॉयलेशन और फायर सेफ्टी नार्म्स पूरे न होने पर भी फायर एनओसी जारी की हुई है।
प्रत्येक तीन वर्ष पर रिन्यू कराना होता है फायर एनओसी
फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी अनिल गर्ग ने बताया कि फायर एनओसी जरूरी होता है। इसके अलावा हर तीन साल पर फायर एनओसी रिन्यू कराना होता है। गर्ग ने बताया कि सेक्टर-26 मध्यमार्ग पर खुले डिस्कोथेक, नाइट क्लब, रेस्टोरेंट्स व अन्य बिल्डिंग, जिनके फायर सेफ्टी नार्म्स पूरे नहीं किए हैं उनके खिलाफ विभागीय नोटिस जारी है। कई इमारतों के मालिकों ने फायर एनओसी के लिए अप्लाई किया हुआ है।
लिकर लाइसेंस के लिए भी जरूरी है फायर एनओसी
लिकर लाइसेंस लेने के लिए डिस्कोथेक, नाइट क्लब व रेस्टोरेंट्स संचालकों को एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के पास आवेदन करना होता है। एक्साइज डिपार्टमेंट इसके लिए पुलिस विभाग, फायर डिपार्टमेंट और बिल्डिंग ब्रांच से एनओसी लेता है। इन तीनों डिपार्टमेंट से एनओसी मिलने के बाद डिस्कोथेक व नाइट क्लब को लिकर लाइसेंस जारी किया जाता है। लेकिन एक्साइज डिपार्टमेंट व अन्य विभागों के अफसरों की मिलीभगत के चलते इन रसूखदारों को आसानी से लिकर लाइसेंस मिल जाता है।