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हायर एजुकेशन में अब रिसर्च पर फोकस, पेटेंट फीस 80 फीसद तक हुई कम

देश की न्यू एजुकेशन पालिसी हायर एजुकेशन की दशा और दिशा के बदलाव में मील का पत्थर साबित होगी। हायर एजुकेशन में क्वालिटी लाने के लिए रिसर्च पर फोकस करना बहुत जरूरी है। भारत सरकार ने रिसर्च पेटेंट के लिए फीस में अस्सी फीसद तक कटौती का फैसला लिया है। यह विचार वीरवार को एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज(एआइयू) प्रेसिडेंट डा.जी थिरुवासागम ने सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में रखे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 10:07 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 10:07 PM (IST)
हायर एजुकेशन में अब रिसर्च पर फोकस, पेटेंट फीस 80 फीसद तक हुई कम
हायर एजुकेशन में अब रिसर्च पर फोकस, पेटेंट फीस 80 फीसद तक हुई कम

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

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देश की न्यू एजुकेशन पालिसी हायर एजुकेशन की दशा और दिशा के बदलाव में मील का पत्थर साबित होगी। हायर एजुकेशन में क्वालिटी लाने के लिए रिसर्च पर फोकस करना बहुत जरूरी है। भारत सरकार ने रिसर्च पेटेंट के लिए फीस में अस्सी फीसद तक कटौती का फैसला लिया है। यह विचार वीरवार को एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज(एआइयू) प्रेसिडेंट डा.जी थिरुवासागम ने सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में रखे। उन्होंने बताया कि देश में सस्टेनेबल विकास लक्ष्यों की प्राप्ती के लिए देश भर के 150 से अधिक यूनिवर्सिटी कुलपति 26 और 27 नवंबर को होने वाली नार्थ जोन एआइयू मीट में मंथन करेंगे। इस बार एआइयू का यह बड़ा आयोजन सोलन स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी में आयोजित होने जा रहा है। 50 से अधिक कुलपति आफलाइन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जबकि देश भर से अन्य कुलपति आनलाइन हिस्सा लेंगे। पहली बार इतने बड़े स्तर पर कुलपति नार्थ रीजन में आयोजित एआइयू मीट में हिस्सा लेंगे। इस मौके पर एआइयू महासचिव और सोनीपत (हरियाणा) स्थित महिला विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो.पंकज मित्तल और एआइयू मीट के मेजबान शूलिनी यूनिवर्सिटी के कुलपति डा.अतुल खोसला भी उपस्थित थे। डा.मित्तल ने बताया कि एआइयू मीट हर साल आयोजित की जाती है, जिसका मकसद 2030 तक सयुक्त राष्ट्र एसडीजी की ओर से निर्धारित 17 लक्ष्यों की प्राप्ती करना है। डा.पंकज ने कहा कि देश में इस समय 400 से अधिक यूनिवर्सिटी और 40 हजार से अधिक कालेज हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का मकसद सभी संस्थानों का एक साथ विकास की दिशा में बेहतर पालिसी तैयार कर सरकार को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि हायर एजुकेशन को देश के हर युवा के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में काम हो रहा है। कांफ्रेंस के उद्घाटन मौके पर हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह करेंगे, जबकि शूलिनी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो.पीके खोसला विशेष अतिथि होंगे। नॉर्थ रीजन के यह कुलपति लेंगे हिस्सा

शुक्रवार से शूलिनी यूनिवर्सिटी में शुरू होने जा रही नार्थ जोन एआइयू मीट में ट्राईसिटी स्थित कई यूनिवर्सिटी के कुलपति हिस्सा लेंगे। इस बड़े आयोजन में रयात एंड बाहरा यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो.परविदर सिंह,लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी कुलपति डा.लोवी राज गुप्ता, पीयू के पूर्व कुलपति प्रो.आरसी सोबती, गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार के कुलपति प्रो.बीआर कम्बोज,राजीव गांधी नेशनल ला यूनिवर्सिटी पटियाला जीएस बाजपेयी ,गुरु नानक देव पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी पटियाला कुलपति प्रो.कर्मजीत सिंह सहित अधिकतर यूनिवर्सिटी के कुलपति कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। एआइयू की नार्थ जोन मीट का शूलिनी यूनिवर्सिटी में आयोजन सम्मान की बात है। एक साथ देश भर के 150 से अधिक कुलपति हायर एजुकेशन में क्वालिटी,कंटेंट,रिसर्च और भविष्य की योजनाओं को लेकर मंथन करेंगे। मीट सयुक्त राष्ट्र के सहयोग से आयोजित की जा रही है, जिसका थीम मौजूदा और भविष्य की चुनौती के हल को लेकर रहेगा।

- अतुल खोसला, कुलपति शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन।


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