कालका-शिमला ट्रैक पर आज से सामान्य ट्रेन शुरू, बुकिंग की जरूरत नहीं, किसी भी स्टेशन से ले सकेंगे टिकट
कालका-शिमला वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक पर 15 अगस्त यानि आज रविवार से अनारक्षित ट्रेन शुरू हो रही है। यह ट्रेन रोजाना कालका रेलवे स्टेशन से चलेगी। इस ट्रेन के लिए टिकट बुकिंग की जरूरत नहीं होगी। यात्री किसी भी स्टेशन से टिकट लेकर ट्रेन में सफर कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कालका-शिमला वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक पर 15 अगस्त यानि आज रविवार से अनारक्षित ट्रेन शुरू हो रही है। कालका से गाड़ी संख्या 04543 अलसुबह साढे़ 3 बजे रवाना होगी और सुबह साढ़े 8.55 बजे शिमला पहुंचेगी। शिमला से गाड़ी संख्या 04544 दोपहर सवा दो बजे चलेगी और रात को 8.10 बजे कालका पहुंचेगी। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को टिकट बुकिंग की जरूरत नहीं है, वह इस रेलमार्ग में आने वाले किसी भी रेलवे स्टेशन से टिकट लेकर सफर कर सकते हैं। इस ट्रेन में कुल सात कोच हैं।
कालका-शिमला रेलवे मार्ग 117 साल पुराना है। 9 नवंबर 1903 को कालका- शिमला रेल मार्ग की शुरुआत हुई थी। यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन के अंतर्गत आता है। 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था। रेलमार्ग कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है। 96 किमी. लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है। साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी।
103 सुरंगें से ट्रेन को गुजरते देख रोमांचित हो उठते हैं यात्री
कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें है, जो इस सफर को काफी रोमांचक बना देती हैं। बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है। सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन अढ़ाई मिनट का समय लेती है। रेलमार्ग पर 869 छोटे-बड़े पुल है जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है। कालका-शिमला रेलमार्ग को नैरोगेज लाइन कहते हैं। इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है।
साल 2008 में यूनेस्को ने दिया था वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा
कालका-शिमला रेलवे लाइन को यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। इसी रूट पर कनोह रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक आर्च गैलरी पुल 1898 में बना था। शिमला जाते हुए यह पुल 64.76 किमी. पर मौजूद है। आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं।