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चंडीगढ़ कोठी प्रकरण मामले में फरार आरोपितों के खिलाफ जारी होगा नॉन-बेलेबल वारेंट, पुलिस ने फाइल की एप्लीकेशन

डीगढ़ सेक्टर-37 स्थित कोठी को कब्जाने मामले में फरार चल रहे अरविंद सिंगला समेत 4 आरोपितों के खिलाफ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ओर से नॉन-बेलेबल वॉरेंट जारी किए जाएंगे। इन आरोपितों में सिंगला के अलावा खलेंद्र सिंह कादियान गुरप्रीत सिंह उर्फ मनी और सौरभ गुप्ता का नाम शामिल है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 10:51 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 10:51 AM (IST)
चंडीगढ़ कोठी प्रकरण मामले में फरार आरोपितों के खिलाफ जारी होगा नॉन-बेलेबल वारेंट, पुलिस ने फाइल की एप्लीकेशन
चंडीगढ़ कोठी प्रकरण मामले में फरार आरोपितों के खिलाफ जारी होगा नॉन-बेलेबल वारेंट।

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। चंडीगढ़ सेक्टर-37 स्थित कोठी को कब्जाने मामले में फरार चल रहे अरविंद सिंगला समेत 4 आरोपितों के खिलाफ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ओर से नॉन-बेलेबल वॉरेंट जारी किए जाएंगे। इन आरोपितों में सिंगला के अलावा खलेंद्र सिंह कादियान, गुरप्रीत सिंह उर्फ मनी और सौरभ गुप्ता का नाम शामिल है। चंडीगढ़ पुलिस ने उक्त पांचों आरोपितों के खिलाफ नॉन-बेलेबल वॉरेंट जारी करने के लिए अदालत में एप्लीकेशन फाइल कर दी है। मामले में सुनवाई सात मई को होगी।

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इस मामले में पुलिस ने अभी तक संजीव महाजन, मनीष गुप्ता, सतपाल डागर और चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को गिरफ्तार किया है। इन चारों को सोमवार को कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया। बीते शुक्रवार को पुलिस ने इस केस में चारों पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में 18 हजार से ज्यादा पेजों की चार्जशीट फाइल की थी। पुलिस ने इस केस में 78 लोगों को गवाह बनाया है। इस केस में अभी और भी कुछ आरोपित फरार चल रहे हैं जिनके खिलाफ भी वारेंट जारी किए जाएंगे।

ये है मामला

2 मार्च 2021 को चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर-37 की करोड़ों की कोठी को जबरन कब्जाने के मामले में सबसे पहले मनीष गुप्ता को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूर्व पत्रकार संजीव महाजन, डीएसपी रामगोपाल के भाई सतपाल डागर और फिर सेक्टर-39 थाने के पूर्व एसएचओ इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को गिरफ्तार किया। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 452,331, 344,365, 386, 419,420, 465, 467,468,471, 473, 474, 477 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था। इन्होंने कोठी के इकलौते मालिक राहुल मेहता को पहले किडनैप किया और उसे गुजरात के आश्रम में छोड़ आए और फिर धोखे से उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर उसे किसी और को बेच दिया।


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