पूर्व इंस्पेक्टर राणा को नॉन बेलेबल वारंट
आरोप मुताबिक पुलिस कर्मियों ने ही युवक की कार में 15 लाख के नकली नोट और अफीम एक महिला के जरिए रखवाई।
चंडीगढ़ : यूटी पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर तरसेम राणा के खिलाफ जिला अदालत ने सोमवार को नॉन बेलेबल वारंट जारी कर दिए। ड्रग्स और जाली करंसी रखवाकर किसी को फंसाने की साजिश में कोर्ट ने ये वारंट जारी किए। इस मामले की सुनवाई को लेकर अदालत ने आरोपितों को सोमवार को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था। सोमवार को कोर्ट में इस मामले से जुड़े जतिन सलवान तो कोर्ट पहुंचे, लेकिन तरसेम राणा कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनका इंतजार किया, यहां तक की उनको संपर्क भी किया गया, लेकिन वे कोर्ट नहीं पहुंचे, जिसके चलते उनके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी कर दिए गए। 16 जून 2016 के इस मामले में इंस्पेक्टर रामरत्न ने तत्कालीन एसपी सिटी नवदीप बराड़ के पास आई एक गुप्त सूचना के आधार पर सेक्टर-38वेस्ट के पास एक नीले रंग की कार पकड़ी थी। कार को चंडीगढ़ के बिजनेसमैन सुखबीर सिंह शेरगिल का अकाउंटेंट भगवान सिंह चला रहा था। कार में रखी फाइलों में पुलिस को 15 लाख की जाली करंसी और 2 किलो 600 ग्राम अफीम बरामद हुई। बाद में पुलिस ने कहा कि भगवान सिंह की कार में साजिशन यह ड्रग्स और जाली करंसी रखी गई। उसे फंसाने में यूटी पुलिस के तत्कालीन इंस्पेक्टर तरसेम सिंह राणा, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट जतिन सलवान और लुधियाना के बिजनेसमैन नरिंदर सिंह का रोल सामने आया। आरोप मुताबिक इन्होंने ही भगवान सिंह की कार में 15 लाख के नकली नोट और अफीम एक महिला के जरिए रखवाई। इसके बाद पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।