मनोनीत पार्षदों को मतदान के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
नगर निगम चुनाव के बाद नॉमिनेटेड काउंसलर्स को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। अब चर्चा यह है कि नॉमिनेटेड काउंसलर्स को वोटिग का अधिकार मिलेगा या नहीं।
जासं, चंडीगढ़ : नगर निगम चुनाव के बाद नॉमिनेटेड काउंसलर्स को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। अब चर्चा यह है कि नॉमिनेटेड काउंसलर्स को वोटिग का अधिकार मिलेगा या नहीं। इस मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। हालांकि अभी यह भी तय नहीं है कि इस मामले पर मंगलवार को कोरोना की वजह से सुनवाई होगी भी या न नहीं। बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने इन काउंसलर को वोटिग का अधिकारी देने पर रोक लगा रखी है। उस फैसले को यूटी प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अब देखना यह होगा सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देते हैं। बता दें कि साल 2016 में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर मनोनीत पार्षदों से वोट का अधिकार वापस ले लिया गया था। इस फैसले को प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसको देखते हुए मनोनित पार्षदों के मनोनित होने में देरी हो रही है। 620 से अधिक आवेदन
नॉमिनेटिड काउंसलर बनने के लिए राजनीतिक नेताओं के साथ प्रशासनिक अधिकारियों तक पर इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस समय 620 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो नॉमिनेटिड काउंसलर बनना चाहते हैं। अपना नाम फाइनल कराने के लिए अपना पूरा प्रोफाइल भेजा जा रहा है। यूटी प्रशासक इन काउंसलर को नॉमिनेट करते हैं। चंडीगढ़ में नौ काउंसलर नॉमिनेट किए जाते है। 26 जनवरी से पहले प्रशासक इन काउंसलर को नॉमिनेट कर देंगे।इस बार चुनाव में भाजपा के 12, आप के 14 और कांग्रेस के आठ काउंसलर जीते थे। हालांकि कांग्रेस काउंसलर हरप्रीत कौर बबला अपने पति देवेंद्र बबला सहित अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भाजपा देवेंद्र बबला को नॉमिनेटेड काउंसलर बनवा सकती है। आप एमसी हाउस में मजबूत विपक्ष की भूमिका में होगी। इसलिए भाजपा जवाब के लिए कई वरिष्ठ नेताओं को नॉमिनेट कर भेजने की तैयारी में है।