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दो साल पूर्व UPSC परीक्षा व इंटरव्यू पास होने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं, कैट पहुंची चंडीगढ़ की भव्‍या

चंडीगढ़ के मनीमाजरा की युवती भव्‍या सैनी ने 2018 में यूपीएससी (केंद्रीय लाेकसेवा आयोग) की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद उन्‍होंने इंटरव्यू भी पास कर लिया लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद उनको ज्‍वानिंग नहीं मिली। अब उन्‍हाेंने कैट का दरवाजा खटखटाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:32 AM (IST)
दो साल पूर्व UPSC परीक्षा व इंटरव्यू पास होने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं, कैट पहुंची चंडीगढ़ की भव्‍या
संघ लाेकसेवा आयोग का मुख्‍य कार्यालय भवन।

चंडीगढ़, जेएनएन। केंद्रीय लोकसेवा आयोग (UPSC ) की परीक्षा और इंटरव्‍यू में पास होने के बावजूद चंडीगढ़ के मनीमाजरा की एक युवती को दो साल के बाद भी ज्‍वाइनिंग नहीं मिली है। मनीजाजरा की भव्‍या सैनी ने  2018  के यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा और पर्सनैलिटी टेस्ट (इंटरव्यू) को क्लीयर कर लिया था। दो साल के इंतजार के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं मिलने पर उन्‍होंने यूपीएससी के खिलाफ कैट का दरवाजा खटखटाया है। 

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याचिकाकर्ता भव्या की तरफ से अपनी अर्जी में कहा है कि उन्‍होंने 2018 की यूपीएससी की लिखित परीक्षा और इसके बाद इंटरव्‍यू पास किया था। इसके बावजूद उनको अब तक ज्‍वा‍इनिंग नहीं दी गई है। भव्‍या ने कहा है कि उनके पिता एलआइसी (भारतीय जीवन बीमा निेगम) में अधिकारी हैं। इस वजह से उन्हें यूपीएससी में ओबीसी बी कैटेगरी का लाभ नहीं मिल रहा।

भव्या के वकील अजय कुमार शर्मा ने बताया कि प्रतिवादियों की ओर से उनकी एक आरटीआइ का जवाब दिया गया है कि अभी तक यह तय ही नहीं किया गया है कि जिस पद पर भव्या के पिता हैं, वह स्टेट या सेंट्रल जॉब कैटेगरी ए, बी, सी में किस पद के समान हैं। दूूसरी ओर भव्‍या की याचिका पर कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) ने यूपीएससी से जवाब मांगा है।

भव्या के वकील अजय कुमार शर्मा ने बताया कि भव्या ने वर्ष 2016 में भी यूपीएसी एग्जाम क्लीयर किया था, जिसके चलते वह अभी मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में क्लास बी ऑफिसर हैं। इसके बाद यूपीएससी की वर्ष 2018 की सिविल सर्विस परीक्षा पास करने के बाद भव्या ने पर्सनैलिटी टेस्ट (इंटरव्यू) भी क्लीयर कर लिया था। 13 मई, 2019 को भव्या ने सभी दस्तावेज भी जमा करवा दिए। 14 अगस्त को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग की ओर से लिस्ट जारी कर चुने गए उम्मीदवारों को 26 अगस्त से शुरू होने वाले ट्रेनिंग कोर्स के लिए रजिस्ट्री करवाने के लिए कहा गया। लेकिन, इस सूची में भव्या का नाम ही नहीं था।

अजय कुमार शर्मा ने बताया कि इसके बाद भव्या ने एक रिप्रेजेंटेशन देकर खुद को भी ट्रेनिंग कोर्स में शामिल करने की मांग की। लेकिन इसका जवाब नहीं मिला। इसके बाद भव्या ने अपनी रिप्रेजेंटेशन का स्टेट्स जानने के लिए एक आरटीआइ लगाई। आरटीआइ का जवाब देते हुए कहा गया कि उनको ओबीसी बी के तहत लाभ दिया जाना चाहिए या नहीं, यह अभी तय नहीं हो सका है, इसलिए उनकी रिप्रेजेंटेशन पेंडिंग है।

इसके बाद कोर्ट ने भी यूपीएससी को 10 दिन के अंदर दी गई रिप्रेजेंटेशन पर फैसला देने का आदेश दिया। इसमें प्रतिवादियों की तरफ से कहा गया कि भव्या को ओबीसी बी कैटेगरी का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके बाद उनकी तरफ से चार फरवरी को नई लिस्ट जारी कर उम्मीदवारों को कैडर अलॉट करने के साथ अप्वाइंटमेंट लेटर जारी कर दिए। अजय ने बताया कि भव्या का रैंक 550 था और प्रतिवादियों ने 561 रैंक वाले को ज्वाइनिंग करवा दी, लेकिन भव्या को नहीं ज्वाइन नहीं करवाया।


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