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चंडीगढ़ से नहीं चली हरियाणा की कोई भी बस

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : काफी दिनों से दशहरा परिवार के साथ मनाने का सपना देखने वाले ला

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 08:37 PM (IST)
चंडीगढ़ से नहीं चली हरियाणा की कोई भी बस
चंडीगढ़ से नहीं चली हरियाणा की कोई भी बस

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : काफी दिनों से दशहरा परिवार के साथ मनाने का सपना देखने वाले लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। दशहरा और तीन छुट्टियां एक साथ होना सोने पर सुहागा के समान था। लेकिन हरियाणा रोडवेज की हड़ताल ने लोगों की यात्राएं रद करवा दी हैं। सैकड़ों लोग आइएसबीटी-17 पहुंचकर घंटों बसों का इंतजार कर वापस लौट रहे हैं। वीरवार को तो स्थिति मंगलवार और बुधवार से भी खराब रही। हरियाणा रोडवेज की एक भी बस नहीं चली। कोई बस डिपो से बाहर नहीं निकली। साथ ही हरियाणा के विभिन्न शहरों से आने वाली कोई बस नहीं आई। जिस कारण बहुत से लोग चाहकर भी घर नहीं जा पाए। 600 से अधिक बसों के पहिए थमे रहे। वीरवार को वोल्वो भी कोई नहीं गई। रोजाना 34 वोल्वो चलती हैं। शुक्रवार को दशहरे की छुट्टी और शनिवार-रविवार की छुट्टी होने से तीन छुट्टियां वह भी त्योहार पर कम ही मिलती हैं। कर्मचारी वर्ग ने इसको लेकर हरियाणा में अपने घरों को जाने की योजना बना रखी थी। इसके अलावा प्राइवेट क्षेत्र में कार्यरत लाखों लोगों की आवाजाही दिल्ली की तरफ रहती है। जिस कारण यह आवाजाही जबरदस्त तरीके से प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा दिक्कत कम दूरी के यात्रियों को हुई। अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जैसे शहरों के यात्रियों को बस चालक बसों में नहीं चढ़ा रहे थे। सीटीयू ने भेजी 25 स्पेशल बस

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हरियाणा रोडवेज की हड़ताल को देखते हुए चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) ने करीब 25 स्पेशल बसें दिल्ली और हरियाणा के कई शहरों के लिए भेजी। लेकिन हजारों लोगों की भीड़ के आगे यह बसें काफी कम थी। आइएसबीटी-17 के सेक्शन ऑफिसर आरबी सिंह ने काउंटरों पर मौजूद रहकर बसों का संचालन सुचारू कराया। उन्होंने कम दूरी के यात्रियों को बसों में चढ़वाया। अंबाला और इसके आसपास के यात्रियों को कोई बैठाने को तैयार नहीं है। डेढ़ घंटे से अधिक समय से बस का इंतजार कर रहे थे। दूसरे राज्यों की बसें चल तो रही हैं, लेकिन वह भी लंबी दूरी के यात्रियों को ही बैठा रही हैं। हड़ताल को देखते हुए कोई खास व्यवस्था होनी चाहिए।

विनीत, यात्री उन्हें दशहरे पर पूजा के लिए अपने घर जाना था। कई घंटे खड़े होने के बाद भी बस नहीं मिल रही। सवारियां इतनी ज्यादा है कि कोई बस आती भी है तो उस पर सब टूट पड़ते हैं। महिलाओं के साथ आए लोग तो वापस लौट रहे हैं।

संजय, यात्री हड़ताल आज भी इसलिए ऐसे पहुंचे घर

अगर तीन छुट्टियों में आप दशहरा अपनों के साथ ही मनाने के लिए घर जाना चाहते हैं तो यह रास्ता है। अगर आप परिवार के साथ घर जाना चाहते हैं तो टैक्सी बुक कर लें। तीन से अधिक सवारी होने पर टैक्सी ज्यादा महंगी नहीं पड़ेगी। अगर अकेले या दो सवारी हैं तो उसी रूट को जाने वाली दूसरी सवारी से शेयर कर सकते हैं। बस स्टैंड पर सभी जगह की सवारियां मिल सकती हैं। इससे टैक्सी महंगी नहीं पड़ेगी। ट्रिब्यून चौक पर बने टैक्सी स्टैंड पर दिल्ली के लिए टैक्सी चलती रहती है। यह बस किराये पर ही दिल्ली ले जाते हैं। साथ ही ओला उबर की इंटर सिटी कैब सर्विस से भी अपने घर पहुंच सकते हैं।


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