सर्दी शुरू, लेकिन एक दिसंबर से शुरू होंगे नाइट शेल्टर, कोरोना के कारण इस बार यह है विशेष व्यवस्था
हर साल नगर निगम ने 100 दिन के लिए बनाए जाने वाले इन शेल्टर पर एक करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करती है।लोगों का कहना है कि इस राशि को बचाया जा सकता है।एक दिसंबर से यह अस्थायी शेल्टर शुरू हो रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। सर्दी बढ़ने के साथ ही शहर में बेघर लोगों के लिए मंगलवार से नाइट शेल्टर बनाने का काम शुरू हो गया है।इस बार नौ की जगह दस नाइट शेल्टर बनेंगे।कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए हर किसी का बेड दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी पर होगा।
एक दिसंबर से यह अस्थायी शेल्टर शुरू हो रहे हैं।इस बार सेक्टर-34 में अतिरिक्त शेल्टर बनाया जा रहा है।जो दस जगह शेल्टर बनने हैं उनमे 13 पुरूषों के और पांच महिलाओं के टेंट लग रहे हैं, जिसमें एक रात में 325 पुरुष और 150 महिलाएं रह सकती है।महिलाओं के लिए सेक्टर-16,सेक्टर-32, सेक्टर-43 बस स्टैंड और पीजीआइ के सामने दो शेल्टर होंगे।
नगर निगम ने एक करोड़ 18 लाख रुपये में 100 दिन के लिए टेंडर अलॉट किया है।नगर निगम के अनुसार एक बार बेड प्रयोग होने के बाद उसे ड्राइ क्लीन किया जाएगा। इंजीनियरिंग विंग के अनुसार शेल्टर पूरी तरह से फायर प्रूफ होगा।पिछले साल 15 दिसंबर से शेल्टर शुरू किए गए थे।
कहां पर बनेंगे शेल्टर, जहां पर बेघर रात को सो सकते हैं
सेक्टर-29 शिव मंदिर के सामने
सेक्टर-20 के लक्ष्मी नारायण मंदिर के सामने
सेक्टर-19 के शनि मंदिर के सामने
सेक्टर-9 के पेट्रोल पंप के पास
सेक्टर-16 अस्पताल के बाहर
सेक्टर-22 में जेडब्लयू मेरिएट होटल के सामने
सेक्टर-43 बस स्टैंड
पीजीआइ के बाहर नाइट फूड स्ट्रीट के पास
सेक्टर-34 में बूथ मार्केट के सामने
बचाई जा सकती है हर साल एक करोड़ की राशि
लोगों ने यह बनाए जाने वाले शेल्टर पर सवाल खड़ा किया है।हर साल नगर निगम ने 100 दिन के लिए बनाए जाने वाले इन शेल्टर पर एक करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करती है।लोगों का कहना है कि इस राशि को बचाया जा सकता है।इस समय शहर में सरकारी स्कूल, भवन और कम्युनिटी सेंटर है जिन्हें रात के समय शेल्टर के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।नगर निगम पहले से वित्तीय संकट से जूझ रहा है।नगर निगम के अनुसार इस बार एक दिसंबर से शहर में दस नाइट शेल्टर बनाए जाएंगे।
आरटीआइ एक्टिवस्ट आरके गर्ग का कहना है कि शहर में दो हजार बेघर लाेग है।पिछले साल भी नगर निगम ने अस्थायी शेल्टर पर एक करोड़ 37 लाख रुपये का खर्चा किया था।उनका कहना है कि इस बार कोरोना के कारण नगर निगम को अस्थायी शेल्टर बनाने की प्रक्रिया को रिव्यू करना चाहिए।शहर में ऐसे कई भवन है जहां पर ठंड के समय लोगों को ठहराया जा सकता है।