मोहाली में रात नौ बजे के बाद नाइट कर्फ्यू, लेकिन देर रात तक खुले रहते हैं शराब के ठेके
मोहाली में रात का कर्फ्यू होने के बावजूद शराब के ठेके आधी रात तक खुले रहते हैं। ऐसे में लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से सवाल किए हैं कि क्या शराब के ठेके जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं जो देर रात तक खुले रहते हैं।
जीरकपुर, जेएनएन। कोरोना के दोबारा बढ़ते प्रकोप के चलते प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 11 जिलों में रात का कर्फ्यू लगाया गया है। पहले नाइट कर्फ्यू का समय रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक था लेकिन अब समय सीमा में बदवाल कर कर्फ्यू का समय रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर दिया है। वहीं, नाइट कर्फ्यू में मोहाली जिला भी शामिल है। हालांकि इससे नाइट कर्फ्यू के लगने से कई कारोबार प्रभावित हुए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए यह लाजमी भी है।
सरकार द्वारा घोषित नाई कर्फ्यू का आम दुकानदारों पर तो पूरा असर देखने को मिल रहा है, लेकिन शहर में शराब के ठेकों पर कर्फ्यू का कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा। हैरतअंगेज है कि शहर में स्थित शराब के ठेके रात का कर्फ्यू शुरू होने के दो घंटे बाद 11 बजे तक भी खुले रहते हैं। वीरवार रात नौ बजे जागरण की टीम शहर में कर्फ्यू का असर जानने के लिए शहर को दौरा किया। इस दौरान पाया गया कि सभी दुकानें बंद हैं।
जब टीम पटियाला रोड स्थित शराब के ठेके के समीप पहुंची तो ठेका खुला हुआ था। जब टीम ने इसका वीडियो बनाया तो भी ठेके के कारिदों ने शटर बंद नहीं किया गया। इसके बाद टीम हरमिलाप नगर रेलवे फाटक के पास स्थित ठेके पर पहुंची तो वहां पर भी ठेका खुला मिला। इस दौरान पुलिस की गाड़ी आई तो कारिंदे ने ठेके का शटर बंद कर दिया।
इसके बाद टीम चंडीगढ़ रोड स्थित ठेके पर पहुंची तो वहां पर भी ठेका खुला हुआ था। टीम को वीडियो बनाते देख कारिंदे ने तुरंत शटर बंद कर दिया। रात 11 बजे तक खुले शराब के ठेकों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। लोगों का कहना है कि रात सात बजे के बाद पुलिस प्रशासन सभी दुकानों को बंद करवा देता है, लेकिन शराब के ठेके कैसे खुले रहे। लोग कह रहे हैं कि शराब की बिक्री तो जारी है लेकिन बाक़ी कारोबार बंद हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शराब की बिक्री सरकार के लिए इतनी ज़रूरी क्यों हैं। क्या शराब आवश्यक वस्तु की श्रेणी में आती है।
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