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Night Curfew In Chandigarh: कारोबारी बोले- जल्द राहत नहीं दी तो होटल-रेस्टोरेंट पर लटक जाएंगे ताले

Night Curfew In Chandigarh चंडीगढ़ में नाइट कर्फ्यू का सबसे ज्यादा असर होटल व रेस्टोरेंट कारोबार में पड़ रहा है। इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि जल्द राहत नहीं दी गई तो उनका कारोबार पूरी तरह से चौपट हो जाएगा।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 11:43 AM (IST)
Night Curfew In Chandigarh: कारोबारी बोले- जल्द राहत नहीं दी तो होटल-रेस्टोरेंट पर लटक जाएंगे ताले
कारोबारी बोले- जल्द राहत नहीं दी तो होटल-रेस्टोरेंट पर लटक जाएंगे ताले।

चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। Night Curfew In Chandigarh: कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसको कोरोना महामारी ने नुकसान न पहुंचाया हो। लेकिन टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी सेक्टर ऐसा है जिसे कोरोना ने बर्बाद कर दिया है। पिछले साल दस महीने से अधिक के कर्फ्यू लॉकडाउन की मार से अभी तक चंडीगढ़ की हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री उभर नहीं पाई थी। अब फिर से नाइट कर्फ्यू लगने से इस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है।

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चंडीगढ़ की नाइट लाइफ पूरी तरह से खत्म हो गई है। पाबंदियों की वजह से एक बार फिर कई होटल-रेस्टोरेंट बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। हालत यह हैं कि लीज पर चलने वाले होटल-रेस्टोरेंट का रेंट तक जेब से भरना पड़ रहा है। चंडीगढ़ में रात साढ़े 10 से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इस दौरान होटल-रेस्टोरेंट, फूड प्वाइंट्स अंतिम ऑर्डर नौ बजे तक ही ले सकते हैं।

"होटल-रेस्टोरेंट का बिजनेस रात आठ बजे के बाद ही शुरू होता है। इसके बाद ही फैमिली डीनर के लिए घरों से निकलती हैं। चंडीगढ़ ही नहीं आस-पास के शहरों से भी लोग चंडीगढ़ आते हैं। लेकिन नाइट कर्फ्यू की वजह से काम पूरा चौपट हो गया है। नाइट कर्फ्यू का मतलब समझ से परे है। इससे ऐसा लगता है कोरोना केवल रात को संक्रमित करने के लिए निकलता है। यह दिन में सोया रहता है। सिर्फ रात में कर्फ्यू लगाकर उनके साथ ही अन्याय क्यों किया जा रहा है। काम नहीं है उनकी इंडस्ट्री के लोग स्टाफ की सैलरी तक नहीं दे पा रहे। आयकर कैसे भरेंगे। रेंट और दूसरे खर्चे भी हैं।

                                                            -अरविंदर सिंह, प्रेसिडेंट, होटल एंड बार एसोसिएशन, चंडीगढ़।

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नाइट कर्फ्यू लगाने से संक्रमण रोकने में कोई फायदा मिलता है तब तो लगाना ठीक है। लेकिन यह आदेश ट्राईसिटी के लिए एक जैसे होने चाहिए। अब मोहाली और चंडीगढ़ में तो है लेकिन पंचकूला ओपन है। जिससे कस्टमर पंचकूला चला जाता है। हॉस्पिटेलिटी सेक्टर देश में सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराता है। इससे सिर्फ होटल-रेस्टोरेंट में काम करने वाला स्टाफ ही नहीं सेकेंडरी स्तर पर दूध वाला, चिकन-मटन सप्लायर, फल-सब्जी विक्रेता भी प्रभावित होते हैं। उनके सेक्टर को केंद्र सरकार ने किसी पैकेज के जरिय कोई मदद नहीं दी। अगर जल्द इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो मुश्किलें और बढ़ेंगी।

                                                    -अमन अग्रवाल, ज्वाइंट सेक्रेटरी, चंडीगढ़ हॉस्पिटेलिटी एसोसिएशन।


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