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एनजीटी ने नगर निगम कमिश्नर को लगाई फटकार, सही कूड़ा प्रबंधन न करना है बड़ी वजह

चंडीगढ़ नगर निगम ने अगर सूखा-गीला कूड़ा अलग करने की व्यवस्था जल्द आरंभ नहीं की तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल उस पर भारी भरकम जुर्माना लगा सकता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 12:29 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 12:29 PM (IST)
एनजीटी ने नगर निगम कमिश्नर को लगाई फटकार, सही कूड़ा प्रबंधन न करना है बड़ी वजह
एनजीटी ने नगर निगम कमिश्नर को लगाई फटकार, सही कूड़ा प्रबंधन न करना है बड़ी वजह

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: शहर में सूखा और गीला कचरा अलग करने की व्यवस्था शुरू नहीं होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रीजनल मॉनीटरिंग कमेटी ने चंडीगढ़ नगर निगम को फटकार लगाई है। कमेटी चेयरमैन ने नगर निगम कमिश्नर को स्पष्ट किया है कि अगर सेग्रीगेशन न शुरू हुई तो निगम कार्रवाई के लिए तैयार रहे। ऐसे में अब शहर में रेजिडेंशियल और कमर्शियल एरिया से निकलने वाले सूखे-गीले कूड़ें को अलग करना अनिवार्य हो गया है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसकी रिपोर्ट दिल्ली में एनजीटी को भेजी जाएगी और नगर निगम पर भारी भरकम जुर्माना लगेगा।

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उक्त मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रीजनल मॉनीटरिंग कमेटी की चेयरपर्सन और रिटायर्ड आइएएस राजवंत संधू के नेतृत्व में मंगलवार को सेक्टर-35 स्थित लोकल बॉडी पंजाब के ऑफिस में एमसी अफसरों की मीटिंग हुई।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर बन चुकी है पॉलिसी

बैठक में राजवंत संधू ने निगम कमिश्नर से पूछा कि उन्होंने पिछली बैठक में कहा था कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी बन चुकी है। घर-घर कूड़ा अलग करके उठाने वाली गाडिय़ों खरीदने की बात की गई थी, लेकिन अभी तक गाडिय़ां क्यों नहीं खरीदी गई। आखिर क्यों नहीं नगर निगम सॉलिड वेस्ट का सेग्रीगेशन शुरू करवा रहा है। बैठक में कहा गया कि शहर में जहां पर वेस्ट बड़े स्तर पर होता है, वहां पर भी यह सुनिश्चित किया जाए कि गीले वेस्ट का ठीक से निपटारा हो। अगर ऐसा नहीं करते तो उनपर चालान करके जुर्माना लगाया जाए। उन्हें सूखे वेस्ट एमसी की गाडिय़ों में ट्रांसपोर्टेशन करना होगा। संधू ने कहा कि उनका काम सॉलिड वेस्ट रूल्स 2016 को लागू करवाना है, इसे निगम कमिश्नर कैसे लागू करवाते हैं, वे ही जानें। चेयरमैन ने कहा कि इसके बारे में मुझे जानने की जरूरत नहीं है।

रोक की जानकारी तुरंत दिल्ली को दी जाए

राजवंत संधू आइएएस रिटायर्ड ने कहा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 को लागू करने में सदन कैसे रुकावट पैदा कर सकता है। अगर सदन सेग्रीगेशन के लिए रोकता है तो इसकी जानकारी दिल्ली एनजीटी को दी जाए। इसके बाद एनजीटी द्वारा एमसी पर कितना जुर्माना लगाना है, यह एनजीटी पर निर्भर करता है। उसे एमसी को जमा करना ही पड़ेगा। राजवंत संधू ने कहा कि क्या चंडीगढ़ जैसा शहर वेस्ट सेग्रीगेशन के मामले में पंजाब से भी पीछे जा रहा है।

पंजाब में भी कई शहरों से वेस्ट का सेग्रीगेशन शुरू

पंजाब के कई शहरों में घरों से निकलने वाला वेस्ट सेग्रीगेशन होने लगा है। पंजाब सरकार की ओर से कहा गया है कि जून माह तक 100 फीसद शहरों से निकलने वाला वेस्ट सेग्रीगेशन होने लगेगा। वहां वेस्ट जेनरेट पर भी काम होने लगा है। वेस्ट बल्क जेनरेट निकालने वालों ने गीला वेस्ट को अलग करके कंपोस्ट बनाना शुरू कर दिया जबकि सूखा वेस्ट एमसी की ओर से तैनात डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर को देना शुरू किया हुआ है।

चंडीगढ़ क्या पंजाब से भी पीछे है

संधू ने कहा कि क्या चंडीगढ़ नगर निगम पंजाब के शहरों से भी पीछे चल रहा है। वो तो इसकी रिपोर्ट बनाकर एनजीटी के पास भेज देंगी। चेयरपर्सन राजवंत संधू ने निगम कमिश्नर से डंपिंग ग्राउंड में पूछा कि वहां पर कचरे का पहाड़ क्यों बनता जा रहा है।

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