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20 हजार में नए खरीदे गद्दे हुए खराब, मनीमाजरा स्थित बॉम्बे क्लेशन पर कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया हर्जाना, लौटानी होगी राशि

दुकान से उन्होंने कुर्लोन का मैट्रेस खरीदा था वह कुर्लोन का अधिकृत डीलर है। मैट्रेस के खराब होने की वजह से मरीज की सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगा था। मैट्रेस इसे बदलने के लिए कई बॉम्बे क्लेशन के मालिक को कहा लेकिन उन्होंने शिकायतकर्ता की बात नहीं सुनी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 02:41 PM (IST)
20 हजार में नए खरीदे गद्दे हुए खराब, मनीमाजरा स्थित बॉम्बे क्लेशन पर कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया हर्जाना, लौटानी होगी राशि
बॉम्बे कलेक्शन को नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 20 हजार रुपये वापस लौटाने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हड्डी रोग और लीवर कैंसर से पीड़ित पत्नी के लिए मनीमाजरा के रहने वाले डा. प्रेम स्वरुप गौड़ ने बस स्टैंड के पास बॉम्बे क्लेशन से 20 हजार रुपये में एक जोड़ी कुर्लोन मैट्रेस (गद्दे) खरीद थे। छह महीने बाद ही मैट्रेस ढीले होने शुरू हो गए। इससे मरीज की सेहत पर काफी हानिकारक प्रभाव पड़ा। डा. गौड ने चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग में साल 2019 में शिकायत दर्ज की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बॉम्बे क्लेशन पर तीन हजार रुपये हर्जाना लगाया और केस खर्च के रूप में पांच हजार रुपये जमा करने को कहा। इसके अलावा आयोग ने उक्त दुकानदार को नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 20 हजार रुपये वापस लौटाने का आदेश दिया।

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डा. गौड़ ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी 70 वर्षीय पत्नी संतोष कुमारी हड्डी रोग और लीवर सिरोसिस विद कैंसर (ए, बी, सी एंड डी) से ग्रस्त है और डॉक्टर की सलाह पर उनके सोने के लिए मैट्रेस लिए गए थे। लेकिन खरीद के छह महीने बाद ही मैट्रेस खराब होने शुरू हो गए थे जबकि दुकानदार ने उन्हें तीन साल की वारंटी दी थी।

कुर्लोन का अधिकृत डीलर है बॉम्बे क्लेशन

शिकायतकर्ता ने बताया कि जिस दुकान से उन्होंने कुर्लोन का मैट्रेस खरीदा था, वह कुर्लोन का अधिकृत डीलर है। मैट्रेस के खराब होने की वजह से मरीज की सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगा था। मैट्रेस इसे बदलने के लिए कई बॉम्बे क्लेशन के मालिक को कहा लेकिन उन्होंने शिकायतकर्ता की बात नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे कलेक्शन को 24 अप्रैल 2019 को एक लीगल नोटिस भेजा जिसके बाद कंपनी प्रतिनिधि ने मैट्रेस की जांच की और जल्द ही इसे बदलने का आश्वासन दिया।

तीन महीने तक नहीं बदला मैट्रेस, मरीज तबीयत होती रही खराब

तीन महीने बीत जाने के बाद भी बॉम्बे क्लेशन की ओर से मैट्रेस को नहीं बदला गया तो शिकायतकर्ता ने दो अगस्त 2019 को कुर्लोन कंपनी को कानूनी नोटिस दिया लेकिन कंपनी की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।इसके विपरीत मरीज की हालात ज्यादा होती रही जिसे देखते हुए 30 हजार रुपये का नया मैट्रेस खरीदा गया।

कई जगहों से चल रहा मरीज का इलाज

कंपनी की ओर से जवाब दिया कि शिकायतकर्ता की पत्नी को कोई समस्या नहीं है और उन्होंने झूठी शिकायत दर्ज की। इसका जवाब देते हुए शिकायतकर्ता ने आयोग के सामने मरीज के ईलाज से जुड़े सभी दस्तावेज सौंपे। दस्तावेजों के अनुसार मरीज का सेक्टर-11 चंडीगढ़ स्थित फोर्टिस मेडिसेंटर, पंचकूला सेक्टर-1 स्थित साकेत ऑर्थोपेडिक अस्पताल और पीजीआइ से उनकी पत्नी ऑर्थो रोग, लीवर सिरोसिस, कैंसर का इलाज चल रहा है। आयोग ने शिकात की सुनवाई करते हुए कंपनी को फटकार लगाई।


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