पंजाब में नया ट्रेंड, सरकारी कर्मी में बेटों को विदेश भेजने की होड़, निकलवा रहे जीपीएफ से रकम
पंजाब के सरकारी कर्मचारियों में आजकल कमाल का ट्रेंड चल रहा है। उनमें अपने बेटों को विदेश भेजने की होड़ है। इसके लिए वे अपने भविष्यनिधि से रकम निकाल रहे हैं।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में इन दिनों नया ट्रेंड शुरू हो गया है। जहां पहले किसान अपनी जमीनें बेचकर अपने बच्चों को विदेश भेज रहे थे, वहीं अब सरकारी कर्मचारियों इसके लिए अपना जीपीएफ (भविष्यनिधि) निकलवा रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए इसकी होड़ सी मची हुई है।
फंड से रकम निकालने वाले 90 फीसद कर्मचारी आवेदन में बताते हैं यही वजह
वित्त विभाग इस बात को लेकर चिंतित है, क्योंकि सरकार पहले ही आर्थिक संकट से गुजर रही है। ऐसे में जिस तरह से कर्मचारियों में जीपीएफ निकलवाने की होड़ मची हुई है, उससे सरकार की आर्थिक स्थिति और बिगड़ रही है। वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि 100 आवेदन जीपी फंड निकलवाने के आ रहे हैं, तो उनमें 90 फीसद कर्मचारी यही कह रहे हैं कि उनका बेटा विदेश में पढऩे गया हुआ है। उसकी फीस भरने के लिए पैसों की जरूरत है या फिर कहा जा रहा है कि बेटे को विदेश भेजना है, उसके लिए पैसे की जरूरत है।
किसान भी बेच रहे जमीन, खेतीबाड़ी वाली जमीनों के गिरे भाव
इससे पहले भी कर्मचारी अपने जीपी फंड से पैसे निकलवाते रहे हैं। मगर, तब या तो वे अपनी बेटी या बेटे की शादी के लिए ऐसा करते थे या फिर मकान आदि बनवाने के लिए। बच्चों की पढ़ाई के लिए भी पैसा लिया जाता रहा है, तब मेडिकल या नॉन मेडिकल आदि की पढ़ाई के लिए निकलवाया जाता था, लेकिन अब विदेश भेजने के लिए ज्यादा आवेदन आ रहे हैं।
लगभग यही हाल ग्रामीण इलाकों में किसानों के साथ है। किसान अपनी जमीनें गिरवी रखकर या उन्हें बेचकर पैसा जुटा रहे हैं और अपने बच्चों को किसी भी तरह विदेश में भेज रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण सामने हैं जिनमें यहां अच्छी-खासी जमीन होने के बावजूद घर के इकलौते बेटे विदेश में जाकर मजदूरी करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते जमीनों के रेट पंजाब में बुरी तरह से गिर गए हैं।
तीन से चार साल पहले जिन जमीनों का रेट 25 से 30 लाख रुपये था, आज उनका 18 लाख भी कोई देने को तैयार नहीं है। अब केवल उन जमीनों का मूल्य ही रह गया है जो बड़े शहरों के करीब हैं। इनका रेट खेती की जमीन होने के कारण नहीं बल्कि यहां पर कॉलोनियां बनाए जाने के कारण रेट हैं।
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12वीं पास करने के बाद ही जा रहे हैं विदेश
पंजाब से जहां पहले ग्रेजुएशन करके युवा विदेश जा रहे थे। वहीं अब 12वीं करके ही विदेश में पढ़ाई के नाम पर जा रहे हैं, ताकि तीन से चार साल पढ़ाई के साथ साथ काम करके वहीं किसी तरह सेट हो जाएं।
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