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पंजाब में नए साल में नए राजनीतिक समीकरण, बन सकता है चौथा फ्रंट

पंजाब में विधानसभा के चुनाव 2022 में होंगे लेकिन इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए नए साल में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 10:01 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:06 AM (IST)
पंजाब में नए साल में नए राजनीतिक समीकरण, बन सकता है चौथा फ्रंट
पंजाब में नए साल में नए राजनीतिक समीकरण, बन सकता है चौथा फ्रंट

चंडीगढ़ [जय सिंह छिब्बर]। पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 में होंगे, लेकिन इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए नए साल में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं। पंजाब में शिअद-भाजपा, कांग्रेस व आप के बाद चौथा फ्रंट बन सकता है। यह फ्रंट कितना कामयाब होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन कई पंथक नेता नए साल में सियासी बदलाव की तैयारी में हैं।

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सूत्रों के अनुसार पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा शिरोमणि अकाली दल को अलविदा कहकर अपने पिता सुखदेव सिंह ढींडसा के साथ जा सकते हैं। परमिंदर ढींडसा पंजाब विधानसभा में शिअद के विधायक दल के नेता भी हैं। शिअद से नाराज चल रहे कई और नेता भी आने वाले वर्ष में पार्टी छोड़ सकते हैं। शिअद टकसाली के नेता यह प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह नाराज चल रहे अकाली नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करवाया जाए।

बताया जाता है कि लुधियाना से बैंस बंधुओं सिमरजीत सिंह बैंस व बलविंदर सिंह बैंस, आप के बागी भुलत्थ के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा व पूर्व सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी एक साझा मंच पर इकट्ठा हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव में खैहरा, डॉ. गांधी, बैंस बंधुओं, बहुजन समाज पार्टी और लेफ्ट धड़े ने एक साझा फ्रंट बनाया था। अकाली दल टकसाली ने अकेले चुनाव लड़ा था।

कई विधायक भी शिअद टकसाली के संपर्क में

राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा, पूर्व स्पीकर रविइंदर सिंह के शिअद टकसाली को समर्थन देने के बाद पंथक धड़े एक साझा मंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि शिरोमणि अकाली दल पर काबिज बादल परिवार को राजनीतिक तौर पर पीछे किया जा सके। पूर्व विधायक और शिअद के पूर्व सरपरस्त संत अजीत सिंह समेत कई अन्य विधायकों के साथ टकसाली नेता संपर्क बना रहे हैं। इन नेताओं को शिअद की लीडरशिप ने पीछे धकेल रखा है।

पंथक राजनीति में बदलाव संभव

बताया जाता है कि राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा और पूर्व स्पीकर रवीइंदर सिंह, शिअद टकसाली के नेताओं पूर्व मंत्री रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां और डॉ. रत्न सिंह अजनाला के हाथ मिलाने से यह चर्चा जोर पकडऩे लगी है कि आने वाले दिनों में पंथक राजनीति में बदलाव आ सकता है। शिअद टकसाली के साथ जुड़े एक पूर्व विधायक ने इसकी पुष्टि की है कि नए वर्ष में पंजाब के लोगों को एक और फ्रंट मिलेगा।

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