General MM Naravane नहीं भूले अपने पहले Commanding Officer मदन दास को, दिया ऐसा सम्मान
General MM Naravane ने सेना अध्यक्ष के तौर पदभार संभालने के दौरान अपने पहले कमांडिंग आफिसर ब्रिगेडियर (से.) मदन दास को भी आमंत्रित किया।
चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) ने सेना अध्यक्ष के तौर पर अपना पदभार संभाल लिया है। इस दौरान उन्होंने अपने पहले कमांडिंग आफिसर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) मदन दास को अपने पद ग्रहण समारोह में विशेष रूप सेे आमंत्रित किया। सेक्टर-10 में रहने वाले मदन दास ने बताया कि जनरल नरवणे ने 7 सिख एलआइ में उनकेे अधीन काम किया था। तब मदन दास इसे कमांड कर रहे थे। मदन दास का कहना है कि नरवणे की कार्यशैली बहुत प्रभावशाली है। उन्हें खुशी है कि भारतीय सेना को एक जिम्मेदार चीफ मिला है, जिनके नेतृत्व में सेना प्रगति करेगी और नई ऊंचाइयों को छुएगी।
कोई भी निर्णय लेने से पहले पूरी तरह से समस्या को समझतेे हैं
ब्रिगेडियर मदन दास ने बताया कि नरवणे ने उन्हें अपने पद ग्रहण समारोह में विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। उन्होंने बताया कि नरवणे से उनकी पहली मुलाकात 1980 में हुई थी, जब वह यूनिट में बतौर युवा सेकेंड लेफ्टिनेंट आए थे। आज नरवणे 13 लाख संख्या वाली ताकतवर थल सेना के प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि नरवणे सामान्य सैन्य आफिसर नहीं थे। वह कोई भी निर्णय लेने से पहले पूरी तरह से समस्या को समझतेे हैं। वह बुद्धिमान और परिश्रमी हैं।
पूरे उपमहाद्धीप से वाकिफ हैं जनरल
ब्रिगेडियर दास ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि नरवणे सेना में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे। मैंने उनकी सेवा के दौरान उनकी प्रगति पर निगाह रखी थी। उन्हें म्यांमार में एक सैन्य अटेशे के रूप में मान्यता मिली थी। इसके अलावा, उन्होंने आइपीकेएफ के अंतर्गत अस्थिर श्रीलंका में शांति बनाए रखी, जम्मू-कश्मीर में एक इकाई की कमान संभाली, उत्तर पूर्व में भी विविध अनुभव प्राप्त किए, इसलिए आप देखेंगे कि, वह श्रीलंका से कश्मीर, सिक्किम से नागालैंड और अरुणाचल तथा रंगून से परे उपमहाद्वीप से वाकिफ हैं। उनके पास यह सब अनुभव है।
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