Navjot Singh Sidhu Resignation: नवजोत सिंह सिद्धू इस्तीफा प्रकरण खत्म, 'गुरु' ही संभालते रहेंगे पंजाब कांग्रेस की कमान
Navjot Singh Sidhu Resignation पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा प्रकरण समाप्त हाे गया है। सिद्धू ही पंजाब कांग्रेस की कमान संभालते रहेंगे। नवजोत सिंह सिद्धू अपने इस्तीफे पर जोर न देने और आगे काम जारी रखने को तैयार हो गए हैं।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Navjot Singh Sidhu Resignation: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू का इस्तीफा प्रकरण अब समाप्त हो गया है। सिद्धे ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देओल को नियुक्त करने के विरोध में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफे दिया था। इसके बाद से पंजाब कांग्रेस में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। अब सिद्धू आगे भी इस पद पर काम जारी रखने को सहमत हाे गए हैं।
बताया जाता है अभी सिद्धू ने इस्तीफा तो वापस नहीं लिया है लेकिन वह प्रदेश की कमान संभालते रहेंगे। इसे लेकर कांग्रेस हाईकमान और सिद्धू के बीच में सहमति बन गई है। सिद्धू के करीबी व कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और पार्टी के पर्वेक्षक हरीश चौधरी ने सिद्धू को मनाने में अहम भूमिका निभाई है। पार्टी में पुन: सक्रियता बढ़ाने के लिए वीरवार को सिद्धू की अगुवाई में कांग्रेस का एक जत्था लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगा।
परगट सिंह और हरीश चौधरी ने मनाया नवजोत को
बता दें कि सिद्धू ने डीजीपी और एजी लगाए जाने के विरोध में 28 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था। पार्टी ने सिद्धू के इस्तीफे को होल्ड पर रख दिया था। पार्टी की तरफ से सिद्धू को मनाने के लिए कोई खास प्रयास भी नहीं किए जा रहे थे लेकिन परगट सिंह लगातार इस कोशिश में लगे हुए थे कि कोई बीच का रास्ता निकल जाए और सिद्धू ही पार्टी की कमान संभालते रहे। अंतत: परगट अपने प्रयास में सफल रहे। यही कारण है कि लखीमपुर खीरी जाने को लेकर बुधवार को पंजाब भवन में मैराथन बैठक चलती रही। जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए। जबकि इस बैठक में परगट सिंह के अलावा हरीश चौधरी व राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावारू भी शामिल थे।
सिद्धू के नेतृत्व में वीरवार को लखीमपुर खीरी के लिए निकलेगा पंजाब कांग्रेस का जत्था
पार्टी के उच्च स्तरीय सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सिद्धू का इस्तीफा प्रकरण खत्म हो गया है। जल्द ही इसकी आधिकारित घोषणा भी कर दी जाएगी। अब सिद्धू अपनी ही सरकार पर हमला नहीं बोलेंगे। यही कारण है कि दो दिनों से सिद्धू ने लखीमपुर खीरी व भारतीय जनता पार्टी की तरफ फोकस करना शुरू कर दिया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सिद्धू के झुकने में पिछले दो दिनों से पार्टी द्वारा नए प्रधान की तलाश शुरू करना भी है। क्योंकि पार्टी ने यह संकेत देने शुरू कर दिए थे कि अगर सिद्धू अपना इस्तीफा नहीं वापस लेते है तो पार्टी नया प्रधान लगा देगी।
माना जा रहा है कि राहुल गांधी द्वारा लखीमपुर खीरी जाने वाले शिष्टमंडल में मुख्यमंत्री चणजीत सिंह चन्नी के शामिल होने से भी सिद्धू पर दबाव पड़ा है। सिद्धू को भी ऐसा लगने लगा कि अगर वह पुन: पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार नहीं होते है तो धीरे-धीरे हाशिये पर न आ जाएं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सिद्धू अब अपना इस्तीफा वापस लेंगे या पार्टी हाईकमान उनका इस्तीफा खारिज करेगी।
नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में ही वीरवार को लखीमपुर खीरी के लिए कांग्रेस का जत्था रवाना होगा। इसके लिए पार्टी की ओर से सभी मंत्रियों, विधायकों, पार्टी नेताओं को संदेश दे दिया गया है। सभी को सुबह 10.30 बजे मोहाली एयरपोर्ट वाले चौक पर पहुंचने के लिए कहा गया है। यह जत्था दोपहर 12 बजे के करीब गाड़ियों से रवाना होगा।
रजिया सुल्ताना का भी इस्तीफा होगा खारिज
सिद्धू के इस्तीफे का प्रकरण खत्म होने के साथ अब रजिया सुल्ताना के इस्तीफा भी खारिज कर दिया जाएगा। क्योंकि सिद्धू के इस्तीफे के हक में रजिया सुल्ताना ने भी कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे पर भी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कोई कार्यवाही नहीं की। अत: रजिया के कैबिनेट में वापस आने की राह भी निकल गई है।