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भर्ती का 60 फीसद पहले ही वसूल लेते थे नवीन और अश्विनी

हरियाणा में विभिन्न पदों पर भर्तियों के लिए पेपर पास होने से पहले ही 60 प्रतिशत राशि बतौर रिश्वत ले लिया जाता था और बाकी राशि सलेक्शन होने के बाद ली जाती थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 08:08 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 08:08 PM (IST)
भर्ती का 60 फीसद पहले ही वसूल लेते थे नवीन और अश्विनी
भर्ती का 60 फीसद पहले ही वसूल लेते थे नवीन और अश्विनी

राजेश मलकानियां, पंचकूला

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हरियाणा में विभिन्न पदों पर भर्तियों के लिए पेपर पास होने से पहले ही 60 प्रतिशत राशि बतौर रिश्वत ले लिया जाता था और बाकी राशि सलेक्शन होने के बाद ली जाती थी। उम्मीदवार से पूरी सेटिग होने के बाद ही पैसों का जोखिम उठाया जाता था और हरियाणा लोकसेवा आयोग के उपसचिव अनिल नागर के सहयोगी अश्विनी शर्मा निवासी गांव जमालपुर जिला झज्जर से सलेक्शन के लिए बात की जाती थी। सलेक्शन का ज्यादा पैसा अनिल नागर के पास पहुंचाया जाता था। अनिल नागर ने पैसों के लेनदेन की जिम्मेदारी अश्विनी शर्मा पर छोड़ रखी थी। अश्विनी शर्मा अनिल नागर का विश्वास पात्र था और इसलिए रिश्वत का करोड़ों रुपया उसके निवास स्थान पर रखवा रखा था।

विजीलेंस ब्यूरो ने दावा किया है कि अब तक लगभग दो करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक की राशि बरामद हो चुकी है, जोकि अनिल नागर की है। लेन-देन में सोफ्टवेयर एजेंसी मेसर्स सेफडॉट ईसॉल्यूशन प्रा. लि. के मालिक जसबीर सिंह के साथ कई कडि़यां जुड़ी हैं। जसबीर सिंह की तलाश में हरियाणा विजीलेंस ब्यूरो द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। जसबीर सिंह का मोबाइल फोन बंद जा रहा है और उसके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। विजीलेंस ब्यूरो की जांच में सीधे तौर पर जसबीर सिंह का नाम सामने आया है। मामले में नवीन की गिरफ्तारी के बाद से जसबीर सिंह गायब है। जसबीर सिंह का ऑफिस सेक्टर-11 की मार्केट में था, लेकिन उसके लगभग एक माह पहले खाली करके कहीं ओर ले लिया गया था।

नवीन ने विजीलेंस को बताया है कि उसने भर्ती के लिए 20 लाख रुपये परीक्षा पास करवाने के लिए लिये थे और 15 लाख रुपये फाइनल सलेक्शन पर लेने थे। आरोपित नवीन निवासी गांव कोंठ जिला भिवानी ने कहा था कि यह पैसा उसने अपने, अश्विनी और जसबीर बलहारा के लिए लिए थे। नवीन को विश्वास में लेने के बाद लगवाया ट्रैप

आरोपित नवीन पहले भी कई बार पैसे पकड़ चुका था, इसलिए उसका डर निकल चुका था। शिकायतकर्ता नरेंद्र निवासी हिसार ने नवीन को किसी भी तरह की भनक नहीं लगने दी कि कुछ होने वाला है। नवीन को नरेंद्र ने सेक्टर 5 पंचकूला बैंकेट हॉल वाह दिल्ली होटल पंचकूला की बैकसाइड पर बुलाया। नरेंद्र एवं एक शैडो गवाह हुंडई वरना कार में नवीन का इंतजार करने लगे। कुछ समय बाद हुंडई आई 20 कार आकर रुकी, जिसमें नवीन उतरा और नरेंद्र की गाड़ी में बैठ गया। इसके बाद नवीन को नरेंद्र 500-500 के नोटों का बंडल थमा दिया। नवीन जैसे ही नरेंद्र की गाड़ी से उतरकर अपनी कार की ओर जाना लगा, तो विजीलेंस ने उसे दबोच लिया और नरेंद्र की ओर से दी गई 20 लाख रुपये की राशि जब्त कर ली थी। जिसके बाद नवीन ने सारी कहानी उगल दी और अश्विनी की गिरफ्तारी हुई। अश्विनी ने खोली अनिल नागर की पोल

जब अश्विनी शर्मा को विजीलेंस ने गिरफ्तार कर लिया, तो उसने झट से उगल दिया कि वह तो हरियाणा लोकसेवा आयोग के उपसचिव अनिल नागर के लिए पैसे लेता था। अश्विनी शर्मा खुद को बचाने की कोशिश करना चाहता था, लेकिन विजीलेंस को जब उसने ठिकानों से एक करोड़ रुपये की राशि मिली, तो उसकी मुसीबत बढ़ गई। अश्विनी और अनिल नागर की बातचीत के बाद रेड मारकर अनिल नागर को गिरफ्तार किया गया। अब तीनों से अलग-अलग और आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जा रही है। अनिल नागर के फोन से खुलेंगे राज

अनिल नागर का फोन, लैपटॉप एवं अन्य इलैक्ट्रोनिक सामान जब्त करने के बाद उसके पासवर्ड पूछकर उन्हें खोला जा रहा है। हालांकि उसमें कुछ भी डिलीट होने की संभावना कम है, क्योंकि विजीलेंस ने अनिल नागर को इतना समय ही नहीं दिया। उनके मोबाइल और वाट्सएप फोन कॉल डिटेल्स से काफी जानकारी मिलेगी। वह किन लोगों के संपर्क में रहे, उसका पता लगाया जाएगा। वह आगे भी किसी को हिस्सा देते थे, वह भी जांच जारी है।


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