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चंडीगढ़ में कचरे से बनने वाली खाद और आरडीएफ को बेचेगा नगर निगम, होगी होम डिलीवरी

प्रस्ताव के अनुसार शहर के पार्कों में भी इसी खाद का प्रयोग किया जाएगा। खाद के जो बैग तैयार किए जाएंगे उस पर नगर निगम का लोगो होगा।

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 09:39 AM (IST)
चंडीगढ़ में कचरे से बनने वाली खाद और आरडीएफ को बेचेगा नगर निगम, होगी होम डिलीवरी
चंडीगढ़ में कचरे से बनने वाली खाद और आरडीएफ को बेचेगा नगर निगम, होगी होम डिलीवरी

चंडीगढ़, जेएनएन। डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट को चलाने की रूपरेखा 30 जुलाई को होने वाली सदन की बैठक में तय की जाएगी। अधिकारियों की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में यह भी बताया गया कि गारबेज को प्रोसेस करने के बाद जो खाद और आरडीएफ तैयार किया जाता है, उसे ई-ऑक्शन के तहत नीलाम किया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार शहर के पार्कों में भी इसी खाद का प्रयोग किया जाएगा। खाद के जो बैग तैयार किए जाएंगे, उस पर नगर निगम का लोगो होगा।

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प्रस्ताव के अनुसार चंडीगढ़ में मांग के अनुसार होम डिलीवरी की भी सुविधा दी जाएगी। निगम ने तय किया खाद का रेट नगर निगम ने 50 किलो खाद का रेट 210 रुपये और आरडीएफ का रेट 900 रुपये प्रति मीटर तय किया है। यहां से बनने वाली खाद की जांच नगर निगम ने लुधियाना की पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से करवाई है। खाद को बेचने के लिए प्लांट और नगर निगम में भी काउंटर बनाया जाएगा।

डड्डूमाजरा गारबेज प्लांट के अंदर इस समय 25 हजार टन कचरा डंप

डड्डूमाजरा गारबेज प्लांट के अंदर ही इस समय 25 हजार टन कचरा डंप हुए पड़ा है, जिसे प्रोसेस करना नगर निगम के एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि नगर निगम प्रतिदिन निकलने वाला कचरा ही प्रोसेस नहीं कर पा रहा है। शहर में प्रतिदिन 450 टन कचरा निकलता है, लेकिन गारबेज प्लांट में मुश्किल से 100 टन कचरा ही प्रोसेस हो पा रहा है। पिछले माह ही नगर निगम ने जेपी कंपनी से प्लांट अपने कब्जे में लिया है। तब से एमसी खुद ही प्लांट चला रही है। प्लांट को चलाने का प्रति माह का खर्चा 60 लाख रुपये आएगा। इस राशि पर भी सदन में निर्णय लिया जाएगा।

कंडम हो चुकी मशीनरी पर भी लिया जाएगा निर्णय

प्रस्ताव के अनुसार प्लांट के अंदर लगी मशीनरी कंडम हो चुकी है, ऐसे में मशीनरी के लिए क्या किया जाए इस पर भी निर्णय लिया जाएगा। सदन की बैठक में इटिंग ज्वाइंट्स और ढाबा वालों को अपनी दुकान के बाहर टेंबल और कुर्सियां लगाने की मंजूरी देने का प्रस्ताव आ रहा है, लेकिन दुकानदारों से दोगुना रेट चार्ज किया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार रात के साथ-साथ दोपहर को भी इसकी मंजूरी दी जाएगी। बूथ वालों से तीन की बजाय छह, बे शॉप वालों से पांच की बजाय दस हजार और एससीओ में चल रहे इ¨टग ज्वाइंट्स वालों से सात की बजाय 14 हजार रुपये चार्ज करने का प्रस्ताव है।


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