चंडीगढ़ में मुनि विनय कुमार आलोक बोले- अच्छे दिन खुशियां और बुरे दिन देते हैं अनुभव
मुनि विनय कुमार आलोक ने सेक्टर-24 स्थित अणुव्रत भवन के तुलसीसभागार में प्रवचन करते हुए लोगों को खुश रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति दूसरे के विचारों और उनकी खुशियों को आदर नहीं देता है तो वह खुद भी खुश नहीं रह सकता।
चंडीगढ़, जेएनएन। यदि कोई व्यक्ति दूसरे के विचारों और उनकी खुशियों को आदर नहीं देता है तो वह खुद भी खुश नहीं रह सकता। एक और अनुभव की बात है कि अच्छा दिन खुशियां लाता है और बुरा दिन अनुभव। जिंदगी के लिए दोनों अतिआवश्यक हैं। यह शब्द मुनि विनय कुमार आलोक ने सेक्टर-24 स्थित अणुव्रत भवन के तुलसीसभागार में कहें।
उन्होंने कहा कि हर दिन खुशी से जीना चाहिए। आज का दुख, उदासी, भूल और गलती सालों बाद अनुभव का खुशनुमा गुलदस्ता बन जाती है और अनुभव हर सफलता की सीढ़ी है। वस्तुत: चुनौतियों को स्वीकार करें ताकि आप विजय का उल्लास महसूस कर सकें। जिंदगी उतार-चढ़ाव का नाम है। चुनौतियों के क्षण आते-जाते हैं। इंसान के पास जो भी है उस पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि जो नहीं है। तभी उसकी झोली खुशियों से भर जाएगी।
मुनि विनयकुमार आलोक ने कहा हमारे प्रत्येक कर्म मे अब आत्मा और आत्म शांति की बजाय पराए लोग और पराई प्रतिक्रिया ही मुख्य तत्व होकर रह गई है। हमारा अपना कुछ रहा ही नही है, जो कुछ है वह औरों पर निर्भर है। हमारे जीवन की रोजमर्रा दिनचर्या ही दूसरो की प्रतिक्रिया और नजरों पर निर्भर रहने लगी है। हम वही सब कुछ करने में विश्वास रखते है जो कि दूसरों को अच्छा लगता है और तारीफ होती है।
भले ही वह तारीफ हमे भरमाने के लिए सौ फीसदी झूठी ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि कर्मयोग की विभिन्न धाराओं और उपधाराओं में प्रतिक्रिया न हो तो कई सारे अच्छे बुरे कर्मो को अपने आप विराम लगा देता है। इसलिए हमेशा खुद को बेहतर लगने वाला और दूसरों की भलाई करने वाले कर्म मे विश्वास रखो और उसे करने में समय दें ताकि आपको आत्म संतुष्टि मिले और दूसरे भी आपसे खुश रह सके।