Move to Jagran APP

चंडीगढ़ में बोले मुनि विनय कुमार आलोक- सुखी रहने के लिए अपने भीतर के आनंद को खोजें

चंडीगढ़ अणुव्रत भवन सेक्टर-24 के तुलसीसभागार में मुनि विनय कुमार आलोक ने प्रवचन करते हुए इंसान को खुश रहने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंसान हमेशा बैचन होकर खुद ही ऐसी स्थिति को तैयार कर लेता है जो कि आने वाले समय में परेशानी बन जाती है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 04:25 PM (IST)
चंडीगढ़ में बोले मुनि विनय कुमार आलोक- सुखी रहने के लिए अपने भीतर के आनंद को खोजें
अणुव्रत भवन सेक्टर-24 में प्रवचन करते मुनि विनय कुमार आलोक।

चंडीगढ़, जेएनएन। सपने देखना मनुष्य की जन्मजात आदत है। हम अपनी क्षमता और स्थिति का भली-भांति आंकलन किए बिना चंचल मन के वशीभूत होकर इंसान अलग-अलग योजनाओं को पूरा करने का सपना देखता है, जब पूरी नहीं होती तो इंसान दुखी होता है।

loksabha election banner

यह शब्द मुनि विनय कुमार आलोक ने अणुव्रत भवन सेक्टर-24 के तुलसीसभागार में कहे। उन्होंने कहा कि इंसान हमेशा बैचन होकर खुद ही ऐसी स्थिति को तैयार कर लेता है जो कि आने वाले समय में परेशानी बन जाती है। इसलिए बेहतर है कि हमारे साथ जो भी हो रहा है उसका डटकर सामना करें, और उसी स्थिति में खुद को खुश रखें। यदि हम खुद को हर स्थिति में खुश रखते है तो निश्चित तौर पर हम विचलित नहीं होंगे और एक सुखी जीवन जी सकेंगे।

दूसरे के जीवन में झांकने से बेहतर खुद में खुश रहना

मुनि विनय कुमार आलोक ने कहा कि आज के समय में समाज की एक बड़ी परेशानी है दूसरों की परवाह करना। दूसरों की परवाह करना जरूरी है, लेकिन वह परवाह उतनी हो जितनी खुद से संभाली जाए। आज के समय लोगों को परेशानी रहती है कि कोई उनसे ज्यादा सुखी या खुश न हो। हमेशा दूसरे को तंग करने में हम खुद का इतना समय व्यतीत कर देते है कि खुद आगे बढ़ने के बारे में विचार ही नहीं कर पाते। यदि जीवन में खुद आगे बढ़ना है तो दूसरों के जीवन में ताक-झांक बंद कर दें और अपनी जिंदगी जीएं हर दुख दूर हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रतिस्पर्धा और लालसा भी जरूरी है यदि हमारे अंदर लालसा और प्रतिस्पर्धा नहीं होगी तो हम आगे बढ़ने के बारे में कभी नहीं सोच सकते हमेशा एक ही स्थान पर खड़े रहेंगे। यदि पानी चले न तो वह भी एक जगह खड़ा बदबू देने लगता है जिससे हर कोई उससे दूरी बनाता है। खुश रहना हम सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन उसे पाने के लिए जरूरी है कि हम खुद रास्ता बनाए और उसी पर चलें ताकि किसी दूसरे काे कोई परेशानी न हो और हर कोई आपके साथ खुशी पाने के लिए चले। दूसरों को खुशी देने का जनून जब आपके अंदर आ जाएगा तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.