चंडीगढ़ में बोले मुनि विनय कुमार आलोक- केक काटने के बजाए भारतीय संस्कृति के अनुसार मनाएं जन्मदिन
चंडीगढ़ में मुनि विनय कुमार आलोक ने अणुव्रत भवन सेक्टर-24 के तुलसीसभागार में कहा कि जन्मदिन पर केक काटकर तोड़ने का काम करते हैं। हम रोशनी जलाकर दूसरों के जीवन में रोशनी देने की बात करते हैं लेकिन जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझा कर अंधेरा करके जन्मदिन मनाया जा रहा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। साल के 365 दिनों में से कुछ दिन ऐसे होते है जिसमें इंसान सबसे ज्यादा खुश रहता है। वह दिन जन्मदिन से लेकर कुछ त्योहार और विशेष दिन जिसमें शादी उत्सव अहम है। इन दिनों में इंसान ऐसे खुश रहता है जैसे ही उससे बढ़िया दिन उसके जीवन में कोई नहीं हो सकता, लेकिन इस समय इंसान खुद की खुशियों को भारतीय तरीके से मनाने के बजाए पश्चिमी सभ्यता के अनुसार मनाते जा रहे हैं जो कि पूरी तरह से गलत है। यह शब्द मुनि विनय कुमार आलोक ने अणुव्रत भवन सेक्टर-24 के तुलसीसभागार में कहे।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जोड़ने का काम करती है लेकिन हम जन्मदिन पर केक काटकर तोड़ने का काम करते है। इसी प्रकार से हम रोशनी जलाकर दूसरों के जीवन में रोशनी देने की बात करते है लेकिन हम जन्मदिन पर मोमबत्ती को बुझा कर अंधेरा करके जन्मदिन मनाया जा रहा है जो कि पूरी तरह से गलत है। हम दूसरों को खुशी देने या फिर खुद के लाइफ स्टाइल को ही अंधेरे में लेकर जा रहे है जो कि पूरी तरह से गलत है। इसमें सुधार की जरूरत है।
जंक फूड देने से बेहतर है कि हम फल और ड्राई फ्रूट का करें बंटवारा
मुनि विनय कुमार ने कहा कि घर में हम जन्मदिन सेलीब्रेशन केक काट और मोमबत्ती बुझाकर करते है तो वहीं छोटे बच्चों को हम जंक फूड देकर स्कूल भेजते है। यदि जंक फूड की जगह हम फल या फिर ड्राई फ्रूट बच्चे से बंटवाते है तो वह स्वास्थ्य के लिए ज्यादा बेहतर होगा। हमें फल और घर में बनी हुई वस्तुओं को बांटने में शर्म नहीं करनी चाहिए बल्कि पूरे हक से उसे देते हुए दिल में खुशी रखनी चाहिए।
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