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International Women's Day: बेटे को काबिल बनाने के लिए मां ने सड़क पर बेची चाय, मुश्किल भरे हालातों में नहीं मानी हार

टे को बड़ी नौकरी मिलने के बाद भी वह पवित्रा अभी भी चाय की स्टाल को बखूबी चला रही है। बेटे अमित ने भी मां के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

By Edited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 06:39 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 01:50 PM (IST)
International Women's Day: बेटे को काबिल बनाने के लिए मां ने सड़क पर बेची चाय, मुश्किल भरे हालातों में नहीं मानी हार
International Women's Day: बेटे को काबिल बनाने के लिए मां ने सड़क पर बेची चाय, मुश्किल भरे हालातों में नहीं मानी हार

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। जिंदगी में मंजिल पाने के लिए सिर्फ पैसा ही काफी नहीं होता। अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो मुश्किल हालात में भी बड़े सपनों को पूरा किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शहर की एक साधारण सी दिखने वाली प्रेरणादायक मां पवित्रा देवी ने। सेक्टर-40 में एक चाय का स्टाल लगाने वाली पवित्रा की कड़ी मेहनत ने आज उसके सपने को पूरा कर दिया है।

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खुद को अनपढ़ बताने वाली पवित्रा के बेटे को आज मल्टीनेशनल कंपनी ने लाखों का पैकेज ऑफर किया और उसे गुरुग्राम में नौकरी मिल गई। बेटे को बड़ी नौकरी मिलने के बाद भी वह पवित्रा अभी भी चाय की स्टाल को बखूबी चला रही है। बेटे अमित ने भी मां के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

मुश्किलों भरी जिंदगी लेकिन हार नहीं मानी

'दैनिक जागरण' विश्व महिला दिवस पर पवित्रा देवी के संघर्ष की कहानी को उन्हीं की जुबानी जानने के लिए सेक्टर-40 टी स्टाल पर पहुंचा। बारिश के बीच भी उनका काम के प्रति जबरदस्त समर्पण देखने को मिला। पवित्रा मुश्किलों भरे जिंदगी के सफर के बारे में बताते हुए कई बार भावुक भी हुई। उन्होंने बताया कि यूपी के सारंगपुर स्थित मलीपुर गांव में उनका परिवार है। 1997 में कामकाज की तलाश में पति विजय पाल के साथ चंडीगढ़ आ गए। दोनों ही अनपढ़ थे तो नौकरी तो कहीं मिली नहीं। आखिर उन्होंने चाय बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में काफी दिक्कतें आई लेकिन हिम्मत नहीं हारी। पति इस समय मोहाली स्थित टोयटा कंपनी में सफाई का काम करते हैं।

सरकारी स्कूल पढ़ाई कर आइआइटी में दाखिला

पवित्रा ने कहा कि बेटे का सपना आइआइटी करना था, लेकिन घर के हालात अच्छे नहीं थे तब मां ने बेटे को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। सेक्टर-40 और फिर सेक्टर-37 के सरकारी स्कूल से 12वीं में 82वीं फीसद अंक हासिल किए तो मां को लगा बेटा कुछ कर सकता है। टी स्टाल के साथ ही एक कोचिंग सेंटर मालिक एलके गुप्ता को जब अमित की प्रतिभा के बारे में पता चला तो उन्होंने आइआइटी की निशुल्क कोचिंग देना ऑफर कर मानों पवित्रा के मन की मुराद पूरी कर दी। आइआइटी खड़गपुर से बेटे अमित ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीते साल ही पूरी की, कैंपस प्लेसमेंट में ही अमित को नामी कंपनी ने मोटा पैकेज भी ऑफर कर दिया। जब बेटे ने पहली सैलरी लाकर दी तो मेरे वर्षो की तपस्या मानों पूरी हो गई।

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