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दिल के मरीजों पर ठंड की मार, 30 बेड वाले PGI Advance Cardiac Center में 100 से ज्यादा भर्ती

90 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिन्हें कभी भी आइसीयू में शिफ्ट करना पड़ सकता है। सेंटर के बेड के अनुसार ही वहां नर्सिंग स्टाफ और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है जो बेहद कम है।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 03:29 PM (IST)
दिल के मरीजों पर ठंड की मार, 30 बेड वाले PGI Advance Cardiac Center में 100 से ज्यादा भर्ती
दिल के मरीजों पर ठंड की मार, 30 बेड वाले PGI Advance Cardiac Center में 100 से ज्यादा भर्ती

चंडीगढ़ [वीणा तिवारी]। पीजीआइ के एडवांस कार्डियक सेंटर में इन दिनों हार्ट पेशेंट्स की भरमार है। स्थिति यह है कि 30 बेड के सेंटर में 100 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया गया है। वार्ड में जगह न होने पर मरीजों को गैलरी में ही स्ट्रेचर पर भर्ती किया जा रहा है। जबकि इन मरीजों को स्पेशल केयर की जरूरत है। ऐसे में पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों का कहना है कि बिना इंतजाम के मरीजों को भर्ती करना ठीक नहीं है। क्योंकि भर्ती किए गए 90 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिन्हें कभी भी आइसीयू में शिफ्ट करना पड़ सकता है। सेंटर के बेड के अनुसार ही वहां नर्सिंग स्टाफ और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, जो बेहद कम है।

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ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट पेशेंट्स की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसका असर कार्डियक सेंटर के वार्ड में दिख रहा है। ऐसी स्थिति में हार्ट स्पेशलिस्ट लोगों को ठंड से बचने व एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।

हाई ब्लड प्रेशर बेहद खतरनाक

ठंड के मौसम में शारीरिक कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है, जैसे सिम्पैथिक नर्वस सिस्टम (जोकि तनाव के समय शारीरिक प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है) सक्रिय हो सकता है और कैटीकोलामाइन हॉमेर्न का स्त्राव हो सकता है। इसकी वजह से हृदय गति के बढ़ने के साथ रक्तचाप उच्च हो सकता है और रक्त वाहिकाओं की प्रतिक्रिया कम हो सकती है, जिससे ह्दय को अतिरिक्त काम करना पड़ सकता है। इस कारण हार्ट फेलियर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है।

प्रदूषण ने स्थिति की गंभीर

ठंडा मौसम, धुंध और प्रदूषक जमीन के और करीब आकर बैठ जाते हैं, जिससे छाती में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और सांस लेने में परेशानी हो जाती है। आमतौर पर हार्ट फेल मरीज सांस लेने में तकलीफ का अनुभव करते हैं।

धूप की कमी बना रही बीमार

सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन-डी, हृदय में स्कार टीशूज को बनने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक के बाद, हार्ट फेल में बचाव होता है। सर्दियों के मौसम में सही मात्र में धूप नहीं मिलने से विटामिन-डी के स्तर को कम कर देता है, जिससे हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है।

दिल रखना है सुरक्षित को ये करें

एक्सरसाइज न छोड़ें, ठंड में घर के अंदर योग, मेडिटेशन करें, नमक और पानी का सेवन कम किया जाना चाहिए, क्योंकि पसीना नहीं होने से शरीर में इसकी कमी नहीं होती, अपने बीपी का नियमित मॉनिटरिंग करें, यदि संक्रमण के लक्षण देखे जाते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। उच्च रक्तचाप वाले लोगों को सुबह टहलने से बचना चाहिए, क्योंकि रक्तचाप में ठंड की सुबह दिल के दौरे का जोखिम 50 प्रतिशत होता है।

सभी भर्ती मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है। अभी मैं शहर से बाहर हूं, व्यवस्था से संबंधित कोई भी जानकारी दो दिन बाद ही दे पाऊंगा।

डॉ. यश, एचओडी एडवांस कार्डियक सेंटर पीजीआइ।

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