जीरकपुर में रेजीडेंशियल नक्शा पास करवा कमर्शियल के लिए हो रहा इस्तेमाल, गिर चुकी हैं कई ईमारतें
मोहाली के जीरकपुर में बिल्डर कालोनाइजर प्रापर्टी कारोबारी रेजीडेंशियल ऐरिया का नक्शा पास करवा उस जगह को कमर्शियल के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इन मामलों में प्रशासन के अधिकारी इसकी सख्ती से जांच नहीं करते। बीते दिनों यहां एक शोरुम की बिल्डिंग गिर गई थी।
मोहाली, जेएनएन। जीरकपुर में नगर काउंसिल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां बिल्डर, कालोनाइजर, प्रापर्टी कारोबारी प्रशासन की आंखों में धूल झोंकर रेजीडेंशियल ऐरिया का नक्शा पास करवाकर उस जगह को कमर्शियल के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि प्रशासन के अधिकारी इसकी सख्ती से जांच नहीं करते।
यहां बीते माह शोरुम की बिल्डिंग गिरने का बड़ा कारण मिट्टी का चिकना होना था। मिट्टी में चिकनाई साथ लगते एक होटल से ओवर फ्लो हो रहे पानी से हो रही थी। इस प्लाट व शोरुम की नीचे की मिट्टी में यह ओवर फ्लो हुआ पानी लगातार जा रहा था, जिसकी लोगों ने प्रशासन को शिकायत भी की थी। लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजा यह हुआ कि एक ईमारत और गिर गई। इस शोरुम के गिरने से बिजली की खंबे व बिजली की तारों को काफी नुकसान पहुंचा है। हर बार किसी बड़े नुकसान के बाद नगर काउंसिल अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि लापरवाही करने वाले को नोटिस भेज दिया गया है।
जीरकपुर-डेराबस्सी में तीन व खरड़ में एक बिल्डिंग गिरी
बिल्डिरों की लापरवाही व प्रशासन की सख्ती की कमी के चलते अब तक जीरकपुर-डेराबस्सी में तीन व खरड़ में एक बिल्डिंग गिरने से करोड़ों का नुकसान व पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 12 अप्रैल 2018 को पीर मौछल्ला में एक तीन मंजिला निर्माणधीन इमारत अचानक ढह गई थी। इंपीरियल गार्डन हाउसिंग सोसायटी की ओर से यहां ईमारत बनाई जा रही थी। तीन मंजिला ईमारत में हर फ्लोर पर चार फ्लैट बनाए जा रहे थे। बिल्डरों की ओर से फ्लैट बनाने के लिए जमीन के अलग अलग टुकड़े (दो एकड़, चार एकड़, तीन एकड़) खरीदे हुए थे। इस मामले में नगर निकाय व पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के हस्तक्षेप के बाद नगर काउंसिल के जुनियर लैवल के तीन अधिकारी सस्पेंड हुए थे। वहीं बिल्डर मालिकों पर मामला भी दर्ज करवाया था। लेकिन अधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
5 अक्टूबर 2019 को गिरा था नवनिर्माण शोरुम
वर्ष 2019 में 5 अक्टूबर को पीर मौछल्ला में ही नवनिर्माण तीन मंजिला शोरुम मिला था। अवैध निर्माण होने के चलते यह ईमारत गिरी थी। हालांकि इस हादसे में किसी को जानी नुकसान नहीं पहुंचा था। लेकिन तीन मजदूर घायल हो गए थे। यह मामला भी कार्रवाई किए बिना ठंडे बस्ते में चला गया। बताने वाली बात यह है कि यह शोरुम अब बनकर तैयार भी हो चुका है।
24 सितंबर 2020 में डेराबस्सी में गिरी थी बिल्डिंग
इसी तरह 24 सितंबर 3020 में डेराबस्सी में भी रेजीडेंशियल नक्शा पास करवा वहां उसे कमर्शियल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। इस प्लॉट में ऑनर ने बिना किसी पिल्लर की स्पॉट के ऊपर-नीचे 20 दुकानें बना दी थी। जब मजदूर ऊपरी मंजिल पर काम कर रहे थे यह ईमारत भी गिर गई थी। जिसमें ऑनर तीन मजदूर मलबे के नीचे आ गए थे। जिनकी मौत हो गई थी। इस मामले में भी राजनीतिक दवाब के चलते पुलिस ने हादसे में मारे गए ईमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया था। इस मामले में भी कई उच्चधिकारियों को बचाया गया था।
8 फरवरी 2020 को खरड़ में गिरी थी बिल्डिंग
इसी तरह 8 फरवरी 2020 को भी खरड़-लांडरां रोड पर रियल एस्टेट कंपनी अंबिका ग्रुप की एक तीन मंजिला बिल्डिंग गिर गई थी। इस बिल्ंिडग के गिरने का कारण भी साथ के प्लॉअ में करवाई जा रही अवैध खुदाई थी। इस हादसे में जेसीबी मशीन ऑपरेटर हरविंदर सिंह की मौत हो गई थी जबकि मलबे में दबे हरजीत सिंह को एनडीआरएफ की टीम ने 8 घंटे के रेस्क्ूयू ऑपरेशन के बाद बचा लिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोहाली के अतिरिक्त जिला मैजिस्टे्रट को जांच के निर्देश दिए थे। इस मामले में भी अंबिका ग्रुप के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।