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बिजली चाेरी कर कूलर का मजा ले रही मोहाली ट्रैफिक पुलिस, जानें क्या अपनाया जुगाड़ Chandigarh News

मोहाली ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी चोरी की बिजली से बीट बॉक्स में बैठकर कूलर का मजा ले रहे हैं। कर्मचारी बिजली चोरी करने के लिए सुबह 8 बजे ट्रांसफार्मर में कुंडी लगाते हैं।

By Edited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 02:01 PM (IST)
बिजली चाेरी कर कूलर का मजा ले रही मोहाली ट्रैफिक पुलिस, जानें क्या अपनाया जुगाड़ Chandigarh News
बिजली चाेरी कर कूलर का मजा ले रही मोहाली ट्रैफिक पुलिस, जानें क्या अपनाया जुगाड़ Chandigarh News

मोहाली, [संदीप कुमार]। मोहाली ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी चोरी की बिजली से बीट बॉक्स में बैठकर कूलर का मजा ले रहे हैं। कर्मचारी बिजली चोरी करने के लिए सुबह 8 बजे ट्रांसफार्मर में कुंडी लगाते हैं। शाम को 8 बजे तक ट्रांसफार्मर से कुंडी उतार देते हैं। इससे पहले भी मोहाली पुलिस पर बिजली चोरी के आरोप लगते रहे हैं। बिजली चोरी करने पर मोहाली पुलिस को पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेट (पीएसपीसीएल) को जुर्माना भी देना पड़ा है। इस बार दैनिक जागरण ने बिजली चोरी करते मोहाली ट्रैफिक पुलिस जोन-3 के बीट बॉक्स के कर्मचारियों को पकड़ा है। बीट बॉक्स में ट्रांसफार्मर से सीधी कुंडी लगाकर पावरकॉम को लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है।

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ट्रैफिक जोन-3 के मुलाजिम पिछले एक साल से कुंडी लगाकर बिजली चोरी कर रहे थे। जिसके बारे में पावरकॉम को कानो कान खबर तक नहीं है। इस बारे में जब ट्रैफिक जोन-3 के इंचार्ज श्रीराम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने कुंडी हटा दी है। गर्मी में मुलाजिमों के बैठने का सहारा किया था। जब उन्हें बताया कि आप मीटर क्यों अप्लाई नहीं करते तो वह बोले अब आपको क्या बताएं। आप आओगे तो सब बता देंगे।

पेड़ों की आड़ में ट्रांसफार्मर से चोरी की जा रही

बिजली फेज-11 आइसर संस्थान से करीब 100 मीटर दूर ट्रैफिक जोन-3 ने अपने बैठने के लिए एक बीट बॉक्स बनाया है। इस बीट बॉक्स में कूलर लाइट, पंखे व कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक एक्यूपमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जहां न तो बिजली का कनेक्शन है और न ही बिजली का मीटर। पुलिस मुलाजिमों द्वारा बिजली मीटर के लिए पावरकॉम के पास कोई आवेदन नहीं कर रखा।

इस्तेमाल के बाद झाडि़यों में छुपा दी जाती है तार

कर्मचारी बीट बॉक्स बंद करने के बाद रात को जब वापस लौटते हैं तब ट्रांसफार्मर से तार को उतारकर उसे झाडि़यों में छुपा देते हैं। ताकि देखने वाले को कभी पता नहीं चले की तार का इस्तेमाल बिजली चोरी करने के लिए किया जा रहा है। यह भी हैं कुछ मामले ध्यान रहे कि पिछले 10 साल से बलौंगी थाना भी बिजली चोरी करता आ रहा था। परंतु खबर प्रकाशित होने के बाद पावरकॉम की ओर से पटियाला स्थित एंटी थेफ्ट पुलिस स्टेशन को बलौंगी थाने के खिलाफ रिपोर्ट भेजी गई थी, लेकिन वो रिपोर्ट अधूरी होने के कारण थाने पर चोरी का केस दर्ज नहीं हो पाया था।

चार साल से हर शाम पूरा थाना चोरी की बिजली से ही रोशन

थाने के साथ सरकारी डिस्पेंसरी के बाहर फुटपाथ पर लगे खंभे से कुंडी डालकर मटौर थाने में चोरी की बिजली पहुंचाई जाती थी। 2013 में फेज-7 में यह थाना शिफ्ट हुआ था मटौर थाना इससे पहले मटौर थाना गांव मटौर के कम्युनिटी सेंटर में चलाया जा रहा था, लेकिन उसके बाद गमाडा की ओर से कोर्ट में केस डाल कर पुलिस से कम्युनिटी सेंटर का कब्जा छुड़वाया गया था। मटौर थाने में एयर कंडीशन (एसी), कुलर, पंखे, लाइट्स के अलावा सर्दियों में हीटर तक इस्तेमाल किए जाते थे। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-8, थाना फेज-1 भी बिजली चोरी के मामले में पकड़ा जा चुका है। इन थानों को पावरकॉम द्वारा मोटा जुर्माना किया जा चुका है।

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