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दिसंबर से कजौली के 5वें चरण से मोहाली को मिलना शुरू हो जाएगा पानी, कोविड के कारण लेट हुआ प्रोजेक्ट

कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें और छठे चरण में मोहाली को 20 एमजीडी पानी की अतिरिक्त आपूर्ति होगी। कजौली वाटर वर्क्स रूपनगर जिले में मोरिंडा के पास भाखड़ा मेनलाइन नहर पर स्थित है। यहां से चंडीगढ़ मोहाली और चंडीमंदिर की पानी की आवश्यकता पूरी होती है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 04:15 PM (IST)
दिसंबर से कजौली के 5वें चरण से मोहाली को मिलना शुरू हो जाएगा पानी, कोविड के कारण लेट हुआ प्रोजेक्ट
कजौली वाटर वर्क्स से मोहाली को दिसंबर के पहले सप्ताह में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, मोहाली। अगर सब कुछ सही रहा तो इस साल एक आखिर यानी दिसंबर से मोहाली को कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें व छठे चरण से पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (गमाडा) के अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर के पहले सप्ताह में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। ध्यान रहे कि पिछले नौ वर्षों में दो बार उक्त फेजों से पानी की सप्लाई के लिए गमाडा की ओर से घोषणा की गई लेकिन सप्लाई शुरू नहीं हो सकी थी। इन चरणों से मोहाली को 20 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी की अतिरिक्त आपूर्ति होगी। कजौली वाटर वर्क्स रूपनगर जिले में मोरिंडा के पास भाखड़ा मेनलाइन नहर पर स्थित है। यहां से चंडीगढ़, मोहाली और चंडीमंदिर की पानी की आवश्यकता पूरी होती है।

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चंडीगढ़ को पहले ही दो नए चरणों से 35 एमजीडी पानी का अतिरिक्त हिस्सा मिलना शुरू हो गया है। मोहाली को आपूर्ति में देरी हो रही है क्योंकि सिंघपुरा में आने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम लंबित है। इससे पहले गमाडा ने दिसंबर, 2020 और जुलाई, 2021 में उक्त चरणों से पानी की सप्लाई मिलने का दावा किया था जोकि नहीं हो सका।

गमाडा अधिकारियों का कहना है कि कोविड महामारी के कारण परियोजना में देरी हुई है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है और 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। गमाडा के मुख्य इंजीनियर दविंदर सिंह ने कहा काम जोरों पर चल रहा है और जल्द पूरा हो जाएगा।

कई वर्षों से पानी की किल्लत से जूझ रहा मोहाली

पिछले कई सालों से मोहाली पानी की भारी कमी से जूझ रहा है। गर्मी के दिनों में मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर 12 एमजीडी तक बढ़ जाता है। वर्तमान में, 32 एमजीडी की चरम मांग के मुकाबले, मोहाली को कजौली वाटर वर्क्स के पुराने चरणों से 10 एमजीडी पानी और 75 ट्यूबवेल से 10 एमजीडी पानी मिलता है। मई 2012 में, गमाडा ने 200 करोड़ रुपये की लागत से कजौली वाटर वर्क्स से मोहाली और चंडीगढ़ को अतिरिक्त पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाना शुरू किया था। इसमें से आधा खर्च चंडीगढ़ ने वहन किया था। परियोजना के तहत आपूर्ति किया जाने वाला 20 एमजीडी अतिरिक्त पानी खरड़ और मोरिंडा की जरूरतों को भी पूरा करेगा। गमाडा के चीफ इंजीनियर दविंदर सिंह ने कहा कि खरड़ को कजौली वाटर वर्क्स के चरण 5 और 6 से 5 एमजीडी पीने योग्य पानी का हिस्सा मिलेगा।


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