मोहाली में खत्म हो रहे खेल के मैदान, अब निगम ने पार्कों में खेलने पर लगाई रोक
मोहाली तरक्की की राह पर तो आगे बढ़ रहा है लेकिन इस कारण जिले में खेल के मैदान कम होते जा रहे हैं। फेज-8 का दशहरा ग्राउंड में अब शापिंग माल बन रहा है। जिले के वाईपीएस चौंक के पास ही अब बड़ा खेल का मैदान रह गया है।
मोहाली, [रोहित कुमार]। मोहाली में धीरे-धीरे खेल के मैदान खत्म हो रहे है। फेज-8 का दशहरा ग्राउंड जहां पर हर शनिवार व रविवार को चौक छक्के लगते थे वहां अब शापिंग मॉल बनना शुरू हो गया है। वाईपीएस चौंक के पास ही अब बड़ा खेल का मैदान रह गया है। हालांकि मोहाली में बहुत सारे इंडोर खेल स्टेडियम है लेकिन हर कोई उनमें नहीं जा सकता।
अब निगम की ओर से शहर के पार्कों में भी बच्चों के खेलने पर रोक लगा दी है। पार्कों में अब 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे क्रिकेट, फुटबाल या साइकिलंग आदि नहीं कर पाएंगे। यहीं पार्कों में कुत्तों को लेकर सैर करने पर भी रोक लगा दी गई है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी शिकायत या फोटो खींच कर निगम को भेजी जा सकती र्है। ये निर्णय इस लिए लिया गया है क्योंकि नगर निगम की ओर से पार्कों के सौंदर्यीकरण और इनके रखरखाव के लिए फैसला लिया गया है।
निगम के हार्टिकल्चर विंग की ओर से पार्कों के लिए नए नियम तय किए गए हैं। इसके मद्देनजर पार्कों की देखभाल के लिए 9 प्वाइंट तय किए गए हैं। जिसके तहत फूलों को तोडऩा और कुत्ते घुमाने पर मनाई लगाई गई है। इसी तरह पार्कों में गाडियां खड़ी करने पर बिल्कुल पाबंदी लगाई गई है। पार्कों के बेंच, झूले और लाइटों को तोडऩे पर मनाही है। इसके साथ ही 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों के पार्क में फुटबाल या क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा पार्कों में मलबा फेंकने से लेकर अन्य सभी चीजों पर रोक लगाई गई है।
नगर निगम ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
वहीं, लोगों की सुविधा के लिए नगर निगम की ओर से एक स्पेशल हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जिसके लिए लोग हेल्पलाइन नंबर-18001370007 पर संपर्क कर सकते हैं। मोहाली के विभिन्न पार्कों में खेलने आने वाले छोटे बच्चों को अब परेशानी न आए। इसके लिए सभी पार्को में मल्टी प्ले सिस्टम स्थापित किए गए हैं। जिसमें एक समय में 18 से अधिक गेम्स खेलने की सुविधा रहेगी। यह सुविधा शहर के पार्कों में दी जा चुकी है और इसका लाभ इलाके के सभी लोग उठा पाएंगे। ध्यान रहे कि बैंछमिंटन और बास्केटवाल कोट पहले ही बनाए जा रहे है।