कोरोना के कारण मोहाली नगर निगम का राजस्व घटा, नए वित्त वर्ष के लिए 148 करोड़ रुपये का बजट तैयार
कोरोना महामारी के कारण मोहाली नगर निगम के राजस्व पर असर पड़ा है। लेकिन नए वित्त वर्ष में निगम ने टारगेट पूरे करने के लिए अभी से कमर कस ली है। इसके लिए मोहाली नगर निगम ने वर्ष 2021-22 के लिए 148 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है।
मोहाली, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण मोहाली नगर निगम के राजस्व पर असर पड़ा है। लेकिन नए वित्त वर्ष में निगम ने टारगेट पूरे करने के लिए अभी से कमर कस ली है। बीते वित्त वर्ष में निगम को जिन चीजों से आमदन होनी थी, उस पर भी कोविड की वजह से बुरा असर पड़ा है।
प्रॉपर्टी टैक्स से नगर निगम ने करीब 27 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन निगम को केवल 17 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हुआ है। एक्साइज ड्यूटी से 30 करोड़ की आमदनी का लक्ष्य रखा गया था, जबकि आमदनी सिर्फ 12.5 करोड़ रुपये की ही हुई। इसी तरह तहबाजारी से करीब 60 लाख का लक्ष्य रखा गया था। आमदनी केवल 32 लाख रुपये की ही हुई। इसी तरह यूनिपोल पर लगे विज्ञापनों से आमदनी होनी थी। लेकिन वहां लगाने के लिए विज्ञापन के ऑर्डर नहीं मिलने के कारण नगर निगम को नुकसान ही हुआ है।
ध्यान रहे कि नगर निगम की ओर से पिछले साल नगर निगम की हाउस की बैठक में 268 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था। लेकिन बाद में स्थानीय निकाय विभाग ने इसमें काफी मात्रा में कटौती कर दी थी। इस दौरान 141 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। जिसके बाद 127 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। इसी तरह बजट में कटौती होने से काफी काम प्रभावित हुआ था। इस कारण नगर निगम इस बार पूरी रणनीति से काम कर रहा है।
मोहाली नगर निगम ने वर्ष 2021-22 के लिए 148 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। यह बजट तैयार करते समय इस भी ध्यान रखा गया है कि हाउस की मंजूरी के बाद इस पर निकाय विभाग किसी तरह की कैंची न चला पाए। इस दौरान सड़कों की देखभाल और इनकी मरम्मत पर 7.5 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। वहीं, फुटपॉथों के निर्माण पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पार्कों की देखभाल के काम पर करीब 1.5 करोड़ खर्च किए जाएंगे। जबकि गोशाला और आधुनिक स्लाटर हाउस के लिए 10-10 लाख रुपये की राशि तय की गई है। जबकि अन्य कार्यों के लिए करीब तीन करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित बजट में रखी है।
हालांकि अधिकारियों की मानें तो इस दौरान नगर निगम ने करीब 28 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में कमाने का लक्ष्य रखा है। जबकि विज्ञापन से 11 करोड़, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी से तीन करोड़, वाटर सप्लाई और सीवरेज से 1.10 करोड़, बिल्डिंग एप्लीकेशन फीस के 75 लाख और किराये और तहबाजारी के रूप में 60 लाख रुपये मिलेंगे।