मोहाली नगर निगम का 190 करोड़ रुपये का देनदार GAMADA, सीएम चन्नी से बकाया राशि दिलवाने की मांग
ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (गमाडा) नगर निगम का 190 करोड़ रुपये का देनदार है। अब इस राशि को लेने के लिए नगर निगम ने पंजाब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहा है।
जागरण संवाददाता, मोहाली। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (गमाडा) नगर निगम का 190 करोड़ रुपये का देनदार है। अब इस राशि को लेने के लिए निगम ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहा है। बीते दिनों मुख्यमंत्री चन्नी के मोहाली दौरे के दौरान निगम ने गमाडा से इस राशि को जारी करवाने के लिए कहा था।
निगम ने शहर में विकास कार्यों की कमान संभाली हुई है। शहर के सभी पार्क, मुख्य सड़कें, कम्युनिटी सेंटर और स्ट्रीट लाइट्स का रखरखाव निगम खुद कर रहा है। वर्ष 2015 में निगम ने उक्त सभी सुविधाएं गमाडा से अपने हाथ में ली थी। ताकि लोगों को एक छत के नीचे ही हर समस्या का समाधान मिल सके। क्योंकि शहर के प्लाट्स की खरीद-फरोख्त से लेकर नक्शे पास करवाने और अन्य सभी काम का निपटारा गमाडा करता है और उसके द्वारा ही फीस ली जाती है। यह फैसला किया गया था कि गमाडा 5 साल तक नगर निगम को 50 करोड़ रुपये प्रति वर्ष इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए देगा। अगले 5 साल 25 करोड़ रुपये प्रति वर्ष यह राशि दी जाएगी। लेकिन अभी तक गमाडा की ओर से एक बार यह राशि नगर निगम के अदा की गई।
2015 से पहले शहर में लोगों से संबंधित सुविधाएं गमाडा और नगर निगम दोनों के पास थी। इसलिए लोगों को दोनों संस्थानों में चक्कर लगाने पड़ते थे। इसलिए नगर निगम के तत्कालीन मेयर कुलवंत सिंह की ओर से हाउस में प्रस्ताव पारित कर गमाडा को भेजा गया और कहा गया कि जो लोगों से संबंधित सेवाएं गमाडा के पास हैं वह नगर निगम को दी जाएं। निगम शहर में जो भी विकास एक साल में करेगा उसकी 25 फीसद राशि गमाडा की ओर से अदा की जाएगी। यह फैसला इस वर्ष के शुरू में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और हाउसिंग मिनिस्टर सुखविंदर सिंह के बीच बैठक के बाद लिया गया था।
मार्च से लेकर अब तक जो राशि विकास कार्यों पर खर्च की गई उसका 25 फीसद करीब 7 करोड़ रुपये नगर निगम को गमाडा की ओर से अदा किए गए। ऐसा आगे भी चलाने के निर्देश दिए गए हैं। अकाली सरकार के दौरान समझौता हुआ था कि गमाडा नगर निगम को हर साल 50 करोड़ रुपये पांच साल तक अदा करेगा। इसके लिए तर्क यह दिया गया था कि गमाडा पार्कों की मेंटेनेंस के लिए ठेका प्राइवेट कंपनी को देता है और सड़कों पर प्रीमिक्स डालने और कम्युनिटी सेंटर ठीक होने वाले हैं। इस राशि को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाना है। क्योंकि गमाडा सेक्टरों को विकसित करता है। उसके बाद नगर निगम को मेंटेनेंस के लिए देता है। समझौते में यह भी था कि अगले 5 साल गमाडा 25 करोड़ रुपये प्रति वर्ष अदा करेगा और जो नए सेक्टर डेवलप हो रहे हैं उसे पूरी तरह तैयार कर नगर निगम को देगा। इस समझौते के तहत एक बार ही करीब 50 करोड़ की किस्त आई और उसके बाद कोई राशि नहीं दी गई। विधायक बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही बकाया राशि को जारी करवाया जाएगा।