मोहाली नगर निगम सहित सात नगर परिषदों में बजट का काम लटका, जानें बड़ी वजह
मोहाली नगर निगम सहित सात नगर परिषदों में बजट का काम लटक गया है। निगम सहित सात नगर परिषदों के लिए बीते 14 फरवरी को चुनाव हुए थे। खरड़ व नयागांव को छोड़ बाकी सभी जगह पर कांग्रेस ने क्लीयर बहुमत हासिल किया था।
मोहाली, जेएनएन। मोहाली नगर निगम सहित सात नगर परिषदों में हाउस का गठन न होने के कारण बजट का काम लटक गया है। निगम सहित सात नगर परिषदों के लिए बीते फरवरी में हुए चुनाव के बाद अब तक किसी भी नगर परिषद और निगम में हाउस को बनाने के लिए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों से संबंधित कोई नोटिफिकेशन नहीं की। ध्यान रहे कि बीते 14 फरवरी को 195 सीटों के चुनाव घोषित किए गए थे। खरड़ व नयागांव को छोड़ बाकी सभी जगह पर कांग्रेस ने क्लीयर बहुमत हासिल किया था। अभी हालत ये है कि 31 मार्च ताकि नगर निगम के पास बजट है। उसके आगे का बजट हाउस में पास होने की सूरत में खर्चों को लेकर सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
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निगम के कमिश्नर डॉ. कमल कुमार गर्ग ने कहा कि हाउस के लिए पार्षदों का चुनाव हो चुका है। हाउस में चर्चा होने के बाद ही बजट पास होना चाहिए। शहर में विकास कार्यों और सरकारी कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पूरा खर्च नगर निगम की ओर से बजट के अनुसार ही किया जाता है। पिछले साल सरकार की ओर से 125 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था। नगर निगम ने सरकार को 225 करोड़ रुपये का बजट तैयार करके भेजा था। उस समय नगर निगम पर अकाली दल के मेयर कुलवंत सिंह सत्तासीन थे। इस बजट में 100 करोड़ रुपये गमाडा से नगर निगम को मिलने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन बाद में लोकल बॉडीज विभाग की ओर से इस 100 करोड़ रुपये को नगर निगम की आमदन से बाहर कर दिया गया। जिस कारण सवा सौ करोड़ का बजट रह गया था।
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इस वर्ष भी करीब सवा सौ करोड़ के आसपास ही अगले वर्ष के लिए बजट तैयार किया जाना है। हालांकि सरकार द्वारा जनता की ओर से चुने गए पार्षदों का रूप देने के लिए गजट नोटिफिकेशन भी कर दी गई है। जिसके चलते अब अगर बजट तैयार किया जाना है तो उसे हाउस में पास करवाना ही जरूरी है। अगर हाउस में बजट पास नहीं होता है तो शहर के विकास कार्यों को लेकर और अन्य कामों को लेकर नगर निगम को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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