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मोहाली नगर निगम अब गांवों से भी वसूलेगा प्रापर्टी टैक्स, घरों और दुकानों का दिए जाएंगे यूनिक नंबर

मोहाली नगर निगम गांवों से भी प्रापर्टी टैक्स वसूलेगा। टैक्स से इकट्ठा होने वाली राशि गांवों में विकास कार्यों पर ही खर्च होगी। नगर निगम के अधीन छह गांव आते हैं। अब इन गांवों में घरों और दुकानों को नंबर भी अलॉट होंगे।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 12:51 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 12:51 PM (IST)
मोहाली नगर निगम अब गांवों से भी वसूलेगा प्रापर्टी टैक्स, घरों और दुकानों का दिए जाएंगे यूनिक नंबर
मोहाली नगर निगम कार्यालय की फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, मोहाली।  मोहाली नगर निगम के अधीन आने वाले गांवों के लोगों को घरों के अब यूनिक नंबर मिलेंगे, लेकिन इसके साथ साथ घरों के मालिकों पर आर्थिक बोझ भी बढेगा। निगम अब गांवों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलेगा। निगम गांवों में सभी तरह की प्रॉपर्टी मकानों की नंबरिंग करवाएगा। इसके साथ ही उनको एक पहचान दी जाएगी। निगम के पास जब पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा तो प्रॉपर्टी टैक्स वसूली की प्रक्रिया होगी।

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मोहाली नगर निगम के अधीन छह गांव आते हैं। छह गांवों से ही नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स से करोड़ों रुपये की कमाई होगी। नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने गांव के मकानों को नंबर देने की बात कही है। उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से अपना सारा रिकॉर्ड इकट्ठा किया जा रहा है। ताकि पता चल सके कि गांवों में कितनी प्रॉपर्टी है। निगम के अधीन कुछ साल पहले छह गांव आए थे। जिनमें मोहाली गांव, मदनपुर, शाहीमाजरा, कुंभड़ा, मटौर और सोहाना शामिल हैं। उक्त गांवों में नगर निगम की तरफ से लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। लेकिन उक्त एरिया से नगर निगम को उस हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली नहीं हो रही है। जिससे विकास के कामों पर भी असर पड़ता है।

यह मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया गया, जिसमें सामने आया कि घरों, दुकानों और शोरूमों आदि के नंबर आदि नहीं हैं। हालांकि प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर शहर में विरोध करते हैं। नगर निगम के अधीन अभी तक 52,678 प्रॉपर्टीज आती हैं। जिनका पूरा रिकॉर्ड नगर निगम के पास है। इनमें से 41,082 रिहायशी और 4,929 कमर्शियल हैं। वहीं, 1 683 इंडस्ट्रियल और 4,984 खाली प्लॉट हैं। इनमें से 24,406 प्रॉपर्टी से नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स वसूलता है। निगम को सबसे ज्यादा प्रापर्टी टैक्स इंडस्ट्रियल एरिया से आता है। इसके बाद कॉमर्शियल एरिया शामिल है। हालांकि सरकारी विभागों से वसूली में कई तरह की दिक्कत आती है।


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