मोहाली के उद्योगपतियों ने सीएम चन्नी पर साधा निशाना, कहा- 300 बेड से पहले 30 बेड के ईएसआइ अस्पताल की हालत देख लेते
मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन (एमआइए) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मोहाली विधायक पर निशाना साधा है। सीएम चन्नी ने बीते मंगलवार को मोहाली में 300 बेड वाले अस्पताल का नींव पत्थर रखा। ऐसे में उद्योगपतियों ने ईएसआई अस्पताल की खस्ता हालत पर पंजाब सरकार को घेरा है।
मोहाली, [रोहित कुमार]। मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन (एमआइए) ने सरकार को चेतावनी दी है कि मोहाली के ईएसआइ अस्पताल की हालत को एक माह के भीतर सुधारा जाए। एमआइए के पूर्व प्रधान संजीव वशिष्ट, सीनियर वाइस प्रेजीडेंट विवेक कपूर, वाइस प्रेजीडेंट जगदीप सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी दिलप्रीत सिंह व अन्य उद्योगपति बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र फेज- 8बी स्थित ईएसआइ अस्पताल पहुंचे।
उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री चन्नी और हलका विधायक पर जमकर जुबानी हमला बोला। उद्योगपतियों ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 350 बेड के अस्पताल का नींव पत्थर तो रख दिया, लेकिन चन्नी साहब 30 बेड के ईएसआइ अस्पताल की हालत पहले देख लेते। चन्नी साहब के घर में दो डाक्टर हैं वे बता देंगे कि मौजूदा अस्पतालों की क्या हालत है। पिछले साढ़े चार साल में ईएसआइ अस्पताल के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया। हलके के विधायक व पूर्व श्रम मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने इस अस्पताल को सुधारने के दावे किए। बाद में वे सेहत मंत्री भी बने, लेकिन अस्पताल के लिए कुछ नहीं किया।मोहाली का इएसआइ अस्पताल सेहत विभाग के अधीन आता है। उद्योगपतियों ने कहा कि नए अस्पतालों के नींव पत्थर रखना सिर्फ चुनावी सपने दिखाना है लेकिन हकीकत कुछ और है। उद्योगपतियों ने चेतावनी दी कि अगर इएसआइ अस्पताल की हालत न सुधरी तो चक्का जाम किया जाएगा।
ये हैं अस्पताल में खामियां
उद्योगपतियों ने कहा कि अस्पताल के अल्ट्रासांउड मशीन के कमरे पर ताला लटका है। एक्सरे मशीन खराब है। सर्जरी हो नहीं रही, मरीजों के लिए दवा नहीं है। मरीजों को रेफर करने के लिए एंबुलेंस किराये पर ली जाती है क्योंकि अस्पताल में एंबुलेंस नहीं है। ओपीडी सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक चलती है। रात को इंडस्ट्री में काम करते कोई मजदूर घायल हो जाए और उसे उपचार के लिए अस्पताल लाया जाए तो कोई इलाज नहीं हो सकता। मरीज को रेफर कर दिया जाता है। उद्योगपति संजीव वशिष्ट ने कहा कि एमआइए अपने वर्करों के अच्छी सेहत के लिए ईएसआइ को हर माह करीब 10 करोड़ रुपये देती है। ढाई करोड़ केंद्र सरकार भेजता है। लेकिन फिर भी अस्पाल में डाक्टर से लेकर दवाओं तक की कमी है। मोहाली में करीब ढाई लाख श्रमिक हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने से परेशान हैं।
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"हमारे पास एंबुलेंस नहीं है। लेकिन एक निजी एंबुलेंस कंपनी के साथ टाइअप है जो मरीजों को लेकर व छोड़ कर आती है। उन्हीं मरीजों को रेफर किया जाता है जिन का कैशलेस इलाज दूसरे अस्पतालों में होना होता है। दवाओं की कमी नहीं है। अल्ट्रांसाउड व एक्सरे की दिक्कत आ रही है जोकि जल्द ही ठीक हो जाएगी। मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जा रही।
-एचके धालीवाल, एसएमओ इएसआइ अस्पताल