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इमारत गिरने के बाद हर बार गठित होती है कमेटी, नतीजा शून्य

जिला मोहाली में पहली बार कोई इमारत गिरने का हादसा नहीं हुआ है। इससे पहले भी निर्माणधीन व मौजूदा बहुमंजिला इमारतें गिरती रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:12 AM (IST)
इमारत गिरने के बाद हर बार गठित होती है कमेटी, नतीजा शून्य

रोहित कुमार, मोहाली

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जिला मोहाली में पहली बार कोई इमारत गिरने का हादसा नहीं हुआ है। इससे पहले भी निर्माणधीन व मौजूदा बहुमंजिला इमारतें गिरती रही है। लगातार दो साल से मोहाली में इमारतें गिरने का सिलसिला जारी है। हर बार इमारत गिरने के बाद जांच के नाम पर कमेटी बना दी जाती है। कुछ अधिकारियों को निलंबित किया जाता है। बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। लेकिन आगे क्या कार्रवाई होती है, किसी को कुछ पता नहीं रहता। ट्राईसिटी में ज्यादातर लोग अपने सपनों का आशियाना, जीरकपुर, खरड़, डेराबस्सी में खरीदते हैं। लेकिन बिल्डरों की ओर बनाई गई इमारतों में इस्तेमाल किया जाने वाले घटिया सामग्री के कारण इमारतें गिर रही हैं। दो साल पहले इमारतों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया। जांच शुरू तो हुई। लेकिन कितनी इमारतें असुरक्षित हैं, कितनों बिल्डिंगों की जांच हुई, इसका कोई डाटा मौजूद नहीं है। अब तक ये हो चुके हैं हादसे

इस साल फरवरी में मोहाली में खरड़-लांडरां रोड पर जेटीपीएल के पास होटल बनाने के लिए खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान एक तीन मंजिला पुरानी बिल्डिग गिर गई। खुदाई जेसीबी से की जा रही थी। इस हादसे में जेसीबी ऑपरेटर की मौत हो गई थी। इस मामले में कंपनी के मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जांच कमेटी बनाई गई। लेकिन आगे प्रशासन ने क्या कार्रवाई की किसी को जानकारी नहीं। जांच बेनतीजा रही।

-जून 2019 में गांव बलौंगी मे एक निर्माणाधीन इमारत की 5वीं मंजिल की दीवार साथ लगते मकान की छत गिरने से एक घर में सो रही महिला व उसकी बेटी जख्मी हो गई। महिला ने प्रशासन व पुलिस से उनके इलाज व टूटे सामान का मुआवजे की मांग की है। इस संबंध में उसने एसएसपी व डीसी को पत्र भी लिखा है। लेकिन आज तक न मुआवजा मिला न बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई।

-अप्रैल 2018 जीरकपुर नगर परिषद के अधीन आते पीरमुछल्ला में एक तीन मंजिला निर्माणधीन इमारत अचानक ढह गई। इंपीरियल गार्डन हाउसिग सोसायटी की ओर से तीन मंजिला इमारत का निर्माण करवाया जा रहा था। ये इमारत सोसायटी की ओर से ठेके बनवाई जा रही है। तीन मंजिला इमारत में हर फ्लोर पर चार फ्लैट बनाए जा रहे थे। इस मामले में परिषद के अधिकारी निलंबित हुए। जांच शुरू हुई, लेकिन वह भी बेनतीजा रही।


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