मिक्स कचरा प्लांट में भेजा इसलिए लगा ढेर, एमसी खुद उठाए : एनजीटी
डड्डूमाजरा के जेपी प्लांट के अंदर जो हजारों टन कचरे का ढेर लगा हुआ है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डड्डूमाजरा के जेपी प्लांट के अंदर जो हजारों टन कचरे का ढेर लगा हुआ है। उसे एनजीटी ने नगर निगम को ही उठाने के लिए कहा है। एनजीटी ने माना है कि जो यहां पर कचरा पड़ा हुआ है, उसके लिए नगर निगम ही जिम्मेदार है। वीरवार को एनजीटी में सुनवाई थी जिसमें कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नगर निगम ने जेपी प्लांट को जो कचरा भेजा है, वह मिक्स है। अलग-अलग सेग्रीगेट करके कचरा नहीं भेजा गया है जिस कारण प्लांट सारा कचरा प्रोसेस नहीं कर पाया है। मालूम हो कि एनजीटी ने प्लांट की कारगुजारी और सेग्रीगेशन व्यवस्था को चेक करने के लिए पिछले दिनों एक कमेटी का गठन किया था। इस समय नगर निगम ने शहर से निकलने वाला सारा कचरा जेपी प्लांट में भेजना शुरू कर दिया है। डंपिग ग्राउंड में कचरा नहीं फेंका जा रहा है। जिस कारण प्लांट के अंदर के हालात गंभीर हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि एनजीटी ने सेग्रीगेट करके कचरा न भेजने पर नगर निगम को फटकार भी लगाई है। एमसी ने सेग्रीगेशन को किया है जरूरी
मालूम हो कि नगर निगम ने 12 अक्टूबर से सूखा और गीला कचरे का सेग्रीगेशन करना अनिवार्य किया है। लेकिन शहर में सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू नहीं हो पा रहा है। जबकि नगर निगम का दावा है कि 25 प्रतिशत सेग्रीगेशन हो रहा है लेकिन हकीकत है कि नगर निगम के पास अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं है कि वह सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करके प्रोसेस के लिए जेपी प्लांट में भेजे। मालूम हो कि शहर में प्रतिदिन 450 टन कचरा निकलता है लेकिन जेपी प्लांट की क्षमता 200 टन कचरे को प्रोसेस करने की है।
31 मार्च 2020 तक डंपिग ग्राउंड में पड़े लाखों टन कचरे को किया जाए प्रोसेस
इसके साथ ही एनजीटी ने नगर निगम को आदेश दिया है कि जो डंपिग ग्राउंड में लाखों टन कचरा पड़ा हुआ है, उसे खुदाई करके प्रोसेस करने का काम 31 मार्च 2020 तक पूरा किया जाए लेकिन नगर निगम के लिए अगले साल मार्च तक यह काम पूरा करना संभव नहीं है। क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत इसी माह ही कंपनी को टेंडर अलॉट किया गया है। जिसका काम अगले माह शुरू होगा। नगर निगम के अनुसार यहां पर 50 लाख टन कचरा पड़ा हुआ है। जिसे पूरी तरह से प्रोसेस करने के लिए 15 माह लग जाएंगे। नगर निगम ने साल 2021 के मार्च माह की डेडलाइन तय की है। मालूम हो कि जेपी प्लांट ने एनजीटी में कचरा प्रोसेस करने के बदले टिपिग फीस की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की हुई है। जिस पर सुनवाई चल रही है, वहीं, नगर निगम जेपी कंपनी से प्लांट छुड़वाना चाहता है लेकिन नगर निगम और जेपी प्लांट के बीच 30 साल का समझौता हुआ पड़ा है।