पैसे की हनक से इंसानियत भूल रहा व्यक्ति : मुनि विनय कुमार आलोक
समाज में पैसे की भूख तेजी से बढ़ रही है। पैसे के लिए व्यक्ति इंसानियत को भूलकर शोषण की राह पर चल रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : समाज में पैसे की भूख तेजी से बढ़ रही है। पैसे के लिए व्यक्ति इंसानियत को भूलकर शोषण की राह पर चल रहा है। पैसे के लिए हो रहा शोषण समाज में कदाचार को बढ़ा रहा है जो कि समाज को विकास के बजाय नकारात्मकता की तरफ बढ़ा रहा है। यह कहना है मुनि विनय कुमार आलोक का। रविवार को अणुव्रत भवन सेक्टर-24 में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुनि विनय ने कहा कि इंसान के अंदर आज आधुनिकता और आजादी का नशा है। आजादी के नाम पर इंसान मर्यादा को भूल रहा है। हैरानी वाली बात है कि सभ्य कहे जाने वाले समाज में कदाचार इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि इंसान पीछे मुड़कर देखना नहीं चाह रहा। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज में सुख-शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है कि नैतिक और चारित्रिक माहौल बना हो। केवल कड़े कानून बना देने से बात नहीं बनती। अपने चरित्र का सनिर्माण करके और नैतिकता को अपनाकर ही कोई मनुष्य सभ्य-संस्कारी बन सकता है। जीवन का एक ढंग बना ले पहले सोचे, फिर समझे फिर वह कर्म करे और लगन से कर्म करे फिर देखिये उसे परिणाम भी सुखद ही आते है। अपने को मर्यादाओं मे बांधे क्योकि मर्यादा के बाहर कोई भी हो वह नुक्सान का कारण बनता है। मर्यादा रहित जीवन ही सुखद है। अपनी मर्यादाओं से कभी भी बाहर न जाएं, जीवन में लक्ष्य बनाइए फिर वह लक्ष्य हासिल कीजिए। बिना लक्ष्यहीन जीवन नीरस होता है जिसका कोई आर पार नही होता।