हमारा संगीत रूह को छूता था, आज तो कान और दिमाग को छूने का हो रहा काम : आनंद जी
जब हमने संगीत को कंपोज करना शुरू किया तो उस समय हम रूह को छूने का प्रयास करते थे लेकिन आज रूह को नहीं बल्कि कान और दिमाग को छूने का काम हो रहा है। यह कहना है म्यूजिक डायरेक्टर आनंद जी का।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ जब हमने संगीत को कंपोज करना शुरू किया तो उस समय हम रूह को छूने का प्रयास करते थे, लेकिन आज रूह को नहीं बल्कि कान और दिमाग को छूने का काम हो रहा है। यह कहना है म्यूजिक डायरेक्टर आनंद जी का। आनंद जी वाइब्रेशंस ग्रुप की तरफ से रविवार को टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में होने वाले संगीत समारोह में शिरकत करने के लिए शहर में आए हैं। आनंद जी ने कहा कि आज के समय के गीत और संगीत ज्यादा देर नहीं चल पाता क्योंकि वह माइक्रोवेव जैसे हो गए है। यदि ज्यादा देर सुने तो दिल और दिमाग दोनों से उठ जाते हैं और उसे सुनने में कोई रूचि नहीं रहती। जब श्रोता की गीत को सुनने की तमन्ना नहीं रहती तो वह जल्द ही भूल जाते हैं। सामान्य जीवन से जोड़कर बनाया गया संगीत चलता है लंबा कल्याणजी व खुद कंपोज किए संगीत पर आनंद जी ने कहा कि हमने हमेशा उन्हीं गीतों को कंपोज करने का प्रयास किया जो सामान्य जीवन से जुड़ते थे। फूल तुझे भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है.. गीत का किस्सा सांझा करते हुए आनंद जी ने बताया कि एक युवती ने किसी युवक को खत भेजा, जिसमें एक लिपिस्टिक से होठों का निशान और फूल था। उसी को हमने गीत के तौर पर उतारने का प्रयास किया और यह गीत आज तक गाया जाता है। इसी प्रकार से भंवरे ने खिलाया फूल, फूल को ले गया राजकुमार.. गीत में भी प्रकृति के असल को छूआ गया था। झूठी वाह-वाह करना मेरे बस में नहीं इंडियन आइडियल में जज की भूमिका निभाने पर आनंद जी ने कहा मैं कभी भी झूठी वाह-वाह नहीं कर सकता। यदि किसी को मुझे जज की भूमिका में बुलाना है तो मैं गलती पर उसे जरूर टोक दूंगा। यदि किसी को वह पसंद नहीं है तो वह मुझे न बुलाए। आज सदाबहार गीतों से सरोबार होगा टैगोर थिएट टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में वाइब्रेशंस क्लब की ओर से करवाई जा रही संगीत संध्या में सदाबहार गायकों मोहम्मद रफी, किशोर और मुकेश कुमार द्वारा गाए गए गीतों को विभिन्न कलाकार गाकर पेश करेंगे। जिसमें सेलीब्रेटी गेस्ट के तौर पर आनंद जी और मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शामिल होंगे।