पंजाब में आप के विधायक मास्टर बलदेव सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त, बागी होने के बाद आप में दोबारा आए थे
पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने आम आदमी पार्टी के विधायक मास्टर बलदेव सिंह की सदस्यता को समाप्त करने की घोषणा की है। मास्टर बलदेव सिंह राज्य के जैतों विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुुने गए थे।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मास्टर बलदेव सिंंह की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने मास्टर बलदेव सिंह की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की है। वह जैतो से आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह पार्टी से बगावत करने के बाद दोबारा आप में शामिल हो गए थे।
मास्टर बलदेव सिंह आम आदमी पार्टी के टिकट पर 2017 में जैतो विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। बाद में वह आम आदमी पार्टी को छोड़कर सुखपाल खैहरा की पंजाब एकता पार्टी में शामिल हो गए थे। वह पंजाब एकता पार्टी कीओर से 2019 में फरीदकोट संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। लेकिन, लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली। बाद में फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। बता देंं कि सुखपााल सिंह खैहरा कांग्रेस शामिल हो गए थेे।
मास्टर बलदेव सिंह ने तीन साल पहले 28 जुलाई 2018 को पार्टी के साथ बगावत करके सुखपाल खैहरा के साथ चले गए थे जब आम आदमी पार्टी ने खैहरा को विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया था। मास्टर बलदेव सिंह के अलावा पिरमल सिंह, अमरजीत सिंह संदोहा, नाजर सिंह मानशाहिया और जगदेव कमालू भी सुखपाल खैहरा के साथ चले गए। हालांकि कंवर संधू ने भी बगावत की थी लेकिन उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। मास्टर बलदेव सिंह ने सुखपाल खैहरा की पंजाब एकता पार्टी में शामिल होकर फरीदकोट संसदीय क्षेत्र से 2019 में चुनाव लड़ा लेकिन वह कांग्रेस के मोहम्मद सद्दीक से चुनाव हार गए।
इन्हीं चुनाव में सुखपाल खैहरा ने भी बठिंडा संसदीय क्षेत्र सीट पर अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ हाथ आजमाया लेकिन उनकी भी जमानत जब्त हो गई। विधायक सुखपाल सिंह खैहरा पिरमल सिंह और जगदेव सिंह कमालू पिछले दिनों ही कांग्रेस में शामिल हो गए। जबकि अमरजीत सिंह संदोहा व मास्टर बलदेव सिंह वापिस आम आदमी पार्टी में लौट गए थे।
इन सभी छह विधायकों के खिलाफ स्पीकर राणा केपी सिंह के पास एक याचिका डाली गई कि इनके खिलाफ दल बदलू एक्ट के अधीन कार्रवाई की जाए। मास्टर बलदेव सिंह के खिलाफ तो आज कार्रवाई हो गई है शेष के खिलाफ कार्रवाई लंबित है। जिन विधायकों ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया था उनकी सीटें अलग करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने भी स्पीकर राणा केपी सिंह से की हुई है। काबिले गौर है कि पिछले हफ्ते ही सुखपाल सिंह खैहरा का इस्तीफा स्पीकर राणा केपी सिंह ने मंजूर कर लिया था ।
खैहरा व आप के दो बागी विधायक को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में शामिल कराया था। खैहरा का 2017 विधाानसभा के बाद आप के आला नेतृत्व से विवाद हो गया था और इस कारण उनको आम आदमी पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया था। इससे खैहरा का नेता विपक्ष का दर्जा छिन गया था।
इसके बाद खैहरा ने आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बाद मेंं खैहरा ने आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के फैसले पंजाब के नेताओं के हाथ में होने का मुद्दा उठाया और पंजाब में पार्टी के मामले में दिल्ली के नेताओं के इस्तक्षेप का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के नेताओं को भी राज्य मे पार्टी के बारे में फैसला करने का अधिकार हो। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई।