चंडीगढ़ में मॉडर्न जेल को कोरोना से बचाने के लिए हुई मीटिंग, कैदियों की जमानत को लेकर हुआ फैसला
चंडीगढ़ में शनिवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से गठित की गई हाई पावर्ड कमेटी की एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई। ये मीटिंग बुड़ैल जेल को कोरोना से बचाने के लिए बुलाई गई थी। मीटिंग में कैदियों को स्पेशल पैरोल और अंतरिम जमानत दिए जाने पर बातचीत हुई।
चंडीगढ़, जेएनएन। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद बिगड़े हालातों को देखते हुए जेलों को भी संक्रमण से बचाने की कोशिश की जा रही है। इसी दिशा में शनिवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से गठित की गई हाई पावर्ड कमेटी की एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई। ये मीटिंग जस्टिस जसवंत सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें डीजीपी और होम सेक्रेटरी भी मौजूद थे। ये मीटिंग बुड़ैल जेल को कोरोना से बचाने के लिए बुलाई गई थी। मीटिंग में कैदियों को स्पेशल पैरोल और अंतरिम जमानत दिए जाने पर बातचीत हुई। अब जल्द ही इस पर हाई पावर्ड कमेटी की ओर से फैसला लिया जाएगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की एक जजमेंट के बाद चंडीगढ़ में इस दिशा में काम शुरू हुआ है। शनिवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना, जस्टिस नागेस्वर राव और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने एक जजमेंट दी। जिसमें कैदियों और जेल में तैनात पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़ा फैसला लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन कैदियों को पिछले साल स्पेशल पेरोल और अंतरिम जमानत दी गई थी उन्हें दोबारा से रिलीज किया जाए ताकि जेलों को भी कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।
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